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परिवर्तन यात्रा में महेंद्र कर्मा के शामिल होने की नहीं थी जानकारी

झीरम घाटी हमले की जांच के बने विशेष न्यायिक आयोग के सामने शनिवार को भी बस्तर के तत्कालीन एसपी मयंक श्रीवास्तव के बयान का प्रतिपरीक्षण हुआ। उच्च स्तरीय सुरक्षा प्राप्त महेंद्र कर्मा के परिवर्तन यात्रा में शामिल होने की जानकारी उन्हें कार्यक्रम स्थल में पहुंचने पर मिली।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2015 02:16 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2015 02:24 AM (IST)
परिवर्तन यात्रा में महेंद्र कर्मा के शामिल होने की नहीं थी जानकारी

बिलासपुर [निप्र]। झीरम घाटी हमले की जांच के बने विशेष न्यायिक आयोग के सामने शनिवार को भी बस्तर के तत्कालीन एसपी मयंक श्रीवास्तव के बयान का प्रतिपरीक्षण हुआ। इस दौरान श्रीवास्तव ने बताया कि सलवा जुडूम के प्रमुख नेता और उच्च स्तरीय सुरक्षा प्राप्त महेंद्र कर्मा के परिवर्तन यात्रा में शामिल होने की जानकारी उन्हें कार्यक्रम स्थल में पहुंचने पर मिली। 23 मई के कार्यक्रम में श्री कर्मा के शामिल होने की जानकारी भी बाद में हुई। इसी प्रकार 25 मई के कार्यक्रम में उनके आने की जानकारी एसपी को नहीं थी। इसके अलावा जेड प्लस, जेड और वाई सुरक्षा प्राप्त नेताओं के लिए अतिरिक्त बल नहीं लगाया गया। नेताओं के ऊपर हमले की आशंका को देखते हुए थे्रट परफेक्शन की कई बैठकें हुई। इसके बावजूद वारदात हो गई।

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आयोग के अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के कोर्ट में एसपी श्री श्रीवास्तव ने कहा कि यात्रा में शामिल नेताओं की सुरक्षा के लिए कई बार थे्रट परफेक्शन बैठक हुई। इसमें बस्तर आईजी भी शामिल हुए। पुलिस अधिकारियों को यात्रा में शामिल होने वाले नेताओं पर हमला की आशंका नहीं थी। कांग्रेस के अधिवक्ता ने एसपी से प्रश्न किया कि श्री कर्मा सलवा जुडूम के प्रमुख थे, इस अभियान से नक्सलियों को ब़$डा नुकसान हुआ? इस पर एसपी ने कहा कि यह सही है कि श्री कर्मा सलवा जुडूम अभियान केे प्रमुख थे, लेकिन इससे नक्सलियों को हुए नुकसान का विस्तृत अध्ययन नहीं हुआ है।

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि सलवा जुडूम अभियान से जुड़े कई नेताओं की 2008 से 2013 के बीच हत्या हुई। इसके बावजूद उन्होंने इस अभियान से जुड़े किसी नेता के परिवर्तन यात्रा में शामिल होने की सूचना नहीं थी।

श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेेटी से 11 अप्रैल 2013 को जारी पत्र में यात्रा की शुरुआतके अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, केंद्रीय मंत्री व प्रदेश के वरिष्ठ नेता के शामिल होने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद 20 मई 2013 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी से पत्र मिला। इसमें बताए कार्यक्रम के अनुसार 23 मई को बीजापुर, 24 मई को जगदलपुर व बकावन और 25 मई को दरभा व सुकमा में कार्यक्रम होना था। इसमें 23 मई के कार्यक्रम में श्री कर्मा के शामिल होने की जानकारी बस्तर एसबी को बाद में मिली। उन्हें 24 मई को बस्तर के जगदलपुर और बकावन में होने वाले कार्यक्रम में श्री कर्मा के शामिल होने की जानकारी बकावन सभा स्थल का दौरा करने के बाद सुबह हुई। प्रतिपरीक्षण में यह बात भी सामने आई कि कुछ कांग्रेसी नेताओं के नक्सलियों की हिट लिस्ट में शामिल होने के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होने वाले नेताओं की पुलिस को जानकारी नहीं थी। इसके अहम जानकारी के बिना ही सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई। बस्तर पुलिस अधीक्षक को 25 मई को श्री कर्मा के यात्रा के साथ बस्तर से सुकमा रवाना होने की भी जानकारी नहीं थी। उन्हें यात्रा में श्री पटेल, श्री शुक्ला, अनिल शास्त्री, रविंद्र चौबे के शामिल होने का पत्र मिला था।

शनिवार को भी श्रीवास्तव का बयान पूरा नहीं हो सका है। आयोग ने अगली सुनवाई के लिए 21 व 22 अगस्त की तारीख तय की है।


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