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Chhattisgarh: बिलासपुर में ट्रेन की चपेट में आने से मादा तेंदुए की मौत

Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वनमंडल अंतर्गत बेलगहना रेंज में ट्रेन की चपेट में आने से मादा तेंदुए की मौत हो गई। पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया। घटना की जांच शुरू कर दी गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 05:57 PM (IST)
Chhattisgarh: बिलासपुर में ट्रेन की चपेट में आने से मादा तेंदुए की मौत
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ट्रेन की चपेट में आने से मादा तेंदुए की मौत। फाइल फोटो

बिलासपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वनमंडल अंतर्गत बेलगहना रेंज में शुक्रवार की देर रात ट्रेन की चपेट में आने से मादा तेंदुए की मौत हो गई। घटना की जानकारी शनिवार सुबह मिली। पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि यह घटना खोड़री-खोंगसरा के आगे तुलुफ बीट में हुई है। यहां घने जंगल के बीच से रेललाइन गुजरी है। इस कारण ट्रेनों से वन्यप्राणियों की दुर्घटना का खतरा बना रहता है।

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नियमानुसार यहां से गुजरते समय ट्रेनों की रफ्तार धीमी होनी चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं। रेललाइन पर वन्यजीव दिखने पर चालक हार्ड बजाते हैं। माना जा रहा है कि तेंदुआ अचानक सामने आया होगा। उसका शरीर दो हिस्सों में बंट गया था। चूंकि रात में वनमंडल या वन विकास निगम दोनों का अमला गश्त नहीं करता, इसलिए घटना की जानकारी नहीं मिल पाई। सुबह ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना दी गई। पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय ने टीम पोस्टमार्टम किया है।

गौरतलब है कि गरियाबंद में वन विभाग ने गत दिनों भालू के शिकार के तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनसे भालू के अंग, चीतल की खाल तथा सींग बरामद किया गया है। गरियाबंद परिक्षेत्र अंतर्गत उर्तुली परिसर के ग्राम आमदी में सतीनदी के पास भालू का शव बरामद हुआ था। इसके बाद वन विभाग मामले की जांच कर रहा था। जांच के लिए विभाग ने रायपुर जंगल सफारी से डाग स्क्वायड भी बुलाया था। डाग स्क्वायड की मदद से ही विभाग आरोपितों के घर तक पहुंचने में सफल हुआ। जांच में विभाग सबसे पहले ग्राम जैतपुरी के प्यारेलाल गोड़ के घर पहुंचा। प्यारेलाल की बाड़ी से चीतल की एक खाल बरामद किया। फिर ग्राम आमदी के चैतराम गोड़ के परिवार वालों से पूछताछ की गई। तलाशी में भालू के शरीर का अवशेष, तीन नाखून और कुल्हाड़ी भी जब्त की गई। चैतराम ने पूछताछ में कुल्हाड़ी से भालू का पंजा काटना स्वीकारा। उसने ग्राम आमदी के मोहन चक्रधारी के भी संलिा होने की जानकारी दी। छानबीन में मोहन के घर से चीतल का सींग व भालू का गुाांग बरामद किया गया। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।


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