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    NSS कैंप में छात्रों से पढ़वाई थी नमाज; अब पुलिस ने प्रोफेसर को घर से उठाया; हिंदू संगठनों ने किया विरोध

    गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप में छात्रों को कथित रूप से जबरन नमाज पढ़ाए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद से विवाद बढ़ रहा है। कोटा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रोफेसर दिलीप झा को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Thu, 01 May 2025 10:04 PM (IST)
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    प्रमाण पत्र का लालच देकर छात्रों को नमाज पढ़ाने वाला प्रोफेसर गिरफ्तार। (फोटो- जेएनएन)

    जेएनएन, बिलासपुर। कोटा क्षेत्र के शिवतराई में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप के दौरान छात्रों को जबरदस्ती नमाज पढ़ाने के मामला सामने आया है। इस प्रकरण के सामने आने के बाद विवाद बढ़ रहा था। इस बीच कोटा पुलिस की टीम रात तीन बजे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को घर से उठा लाई है। प्रोफेसर से घटना के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

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    बताया जाता है कि कोटा क्षेत्र के शिवतराई में एनएसएस कैंप के दौरान छात्रों को प्रमाण पत्र देने के प्रलोभन देकर नमाज पढ़ाई गई। इस पूरे मामले में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिलीप झा, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और टीम कोर लीडर आयुष्मान चौधरी आरोपी हैं।

    रात के तीन बजे पुलिस ने किया गिरफ्तार

    जानकारी दें कि मामले की जांच के दौरान कोटा पुलिस ने प्रोफेसर दिलीप झा को गुरुवार के तड़के तीन बजे उनके घर से हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई है।

    समझिए पूरा मामला

    गौरतलब है कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनएसएस विंग का कोटा के शिवतराई में सात दिवसीय शिवर 26 मार्च से एक अप्रैल तक लगाया गया था। आरोप है कि 31 मार्च की सुबह कैंप में मौजूद प्रोफेसरों और टीम लीडर ने सभी छात्र छात्राओं को एक पास बुलाया और इस दौरान नमाज पढ़वाई। वहीं, इस दौरान प्रमाण पत्र देने का प्रलोभन दिया गया।

    इस प्रकरण के बाद कैंप से लौटे कुछ छात्रों ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रबंघन से की। वहीं, जैसे ही नमाज पढ़ने की खबर सामने आई, कई हिंदू संगठनों ने इसका विरोध प्रदर्शन किया। मामला बढ़ता देख कोनी पुलिस ने शून्य में मामला दर्ज कर के डायरी कोटा पुलिस को सौंप दी। अब इस पूरे मामले की जांच कोटा पुलिस की ओर से की जा रही है।

    पुलिस ने प्रोफेसर को थमाया कई नोटिस

    इस घटना को लेकर एएसपी अर्चना झा मामले में शामिल सभी आरोपित को नोटिस जारी कर थाने तलब किया। नोटिस मिलने के बाद के भी आरोपियों डॉ. मधुलिका सिंह, ज्योति वर्मा, नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डा सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और टीम कोर लीडर आयुष्मान चौधरी ने पुलिस को अपना जवाब पेश किया। हालांकि, इस दौरान प्रोफेसर दिलीप झा ने पुलिस की नोटिस को नजरअंदाज किया।

    बाद में जांच में सहयोग ना करने के बाद पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर को उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया। अन्य आरोपित का जल्द ही बयान लिया जाएगा। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।