Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छत्तीसगढ़ की महिला ने पेश की मिसाल, वकील बन खुद की पैरवी; दोबारा हासिल की जज की कुर्सी

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 08:46 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली आकांक्षा भारद्वाज सात वर्षों तक अदालती लड़ाई लड़ने के बाद अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ न्याय की जीत हासिल की। इस दौरान ...और पढ़ें

    Hero Image
    सात वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद मुकदमा जीत कर दोबारा हासिल की जज की कुर्सी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, बिलासपुर। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली आकांक्षा भारद्वाज ने नारी सशक्तीकरण और आत्मविश्वास का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। सात वर्षों तक अदालती लड़ाई लड़ते उन्होंने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ न्याय की जीत हासिल की। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सोमवार को उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें महासमुंद में सिविल जज के पद पर बहाल करने का आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महिला ने खुद की अपने केस की पैरवी

    इसमें सबसे खास बात यह रही कि आकांक्षा भारद्वाज ने पूरे मामले में खुद अपनी पैरवी की और जीत हासिल की। बिलासपुर के सरकंडा में रहने वाली आकांक्षा भारद्वाज का चयन वर्ष 2012- 13 में हुई परीक्षा के जरिए सिविल जज के पद पर हुआ था। 27 दिसंबर 2013 को पदभार ग्रहण किया। उसी समय उनके साथ एक वरिष्ठ न्यायाधिक अधिकारी ने अनुचित व्यवहार किया। नई ज्वॉनिग के कारण विवाद में न पड़ते हुए उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की।

    प्रशिक्षण के बाद अगस्त 2014 में उन्होंने अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 का प्रभार लिया। यहां भी उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे वरिष्ठ न्यायिक अफसर के पास प्रकरणों के संबंध में मार्गदर्शन के लिए जाती थीं तो उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाता था। इसकी उन्होंने आला अधिकारियों से मौखिक और लिखित शिकायत दर्ज कराई। हाई कोर्ट ने आंतरिक शिकायत कमेटी को जांच का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने बर्खास्तगी की रद

    कमेटी ने जांच के बाद छह अप्रैल 2016 को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें वरिष्ठ न्यायिक अफसर के खिलाफ की गई शिकायत को निराधार पाया गया। इसके बाद पांच जनवरी 2017 को उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया।आकांक्षा भारद्वाज ने इस फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मई 2024 में सिंगल बेंच ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए बर्खास्तगी आदेश को रद कर दिया था।

    हालांकि, विधि विधायी विभाग ने इस फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दे दी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए विभाग की अपील खारिज कर दी और आकांक्षा भारद्वाज को महासमुंद में सिविल जज के पद पर बहाल करने का आदेश दे दिया। बतौर सिविल जज उनकी वरिष्ठता भी बरकरार रहेगी।

    यह भी पढ़ें: 'छत्तीसगढ़ में हर गरीब के पक्के मकान का सपना होगा साकार', नगरीय निकायों में 15 हजार नए आवास स्वीकृत