चंडीगढ़ में ईडब्ल्यूएस के फ्लैट का दाम सुनकर हो जाएंगे हैरान, 55 लाख से सीधे 74 लाख हो गई कीमत
चंडीगढ़ प्रशासन सेक्टर-53 की हाउसिंग स्कीम को फिर से लॉन्च कर रहा है, लेकिन नए कलेक्टर रेट के कारण फ्लैट की कीमतों में 34 से 40 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई है। पहले के डिमांड सर्वे में पुराने रेट पर रुचि दिखाने वाले 7468 आवेदकों की फीस वापस की जाएगी। इस स्कीम में कुल 372 फ्लैट (HIG, MIG, EWS) शामिल होंगे, और यह हाउसिंग बोर्ड द्वारा अब तक की सबसे महंगी योजना है।
ईडब्ल्यूएस फ्लैट की कीमत 74 लाख और टू बीएचके की कीमत 1.97 करोड़ रुपये। फाइल फोटो
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। प्रशासन ने सेक्टर-53 की हाउसिंग स्कीम को लॉन्च करने का फिर से फैसला लिया है, लेकिन इस बार स्कीम में शामिल फ्लैट की रेट में 34 से 40 फीसद का इजाफा कर दिया है। एक अप्रैल से नए कलेक्टर रेट लागू होने के कारण स्कीम को पहले डिमांड सर्वे करवाने के बावजूद लॉन्च नहीं किया गया। अब नए कलेक्टर रेट के हिसाब से नए फ्लैट के रेट तय किए हैं।
रेट तय करने के बाद स्कीम पर हाउसिंग बोर्ड की गर्वनिंग बाडी के सदस्यों से राय मांगी गई है। राय आने के बाद यह स्कीम बोर्ड की बैठक में पास करवाने के लिए लाई जाएगी। बोर्ड की ओर से नए रेट्स का जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके अनुसार थ्री बीएचके की कीमत दो करोड़ 30 लाख रुपये तय की गई है जबकि पहले इसकी कीमत 1.65 लाख रुपये तय की गई थी।
इस हिसाब से 39.39 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसी के साथ ही टू बीएचके फ्लैट की कीमत जो पहले 1.40 करोड़ रुपये थी, अब उसका नया प्रस्तावित रेट 1.97 करोड़ रुपये तय की गई है, जिसका कलेक्टर रेट बढ़ने से 40.71 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
जबकि ईडब्ल्यूएस फ्लैट(आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) की कीमत अब 74 लाख रुपये तय की गई है जबकि पहले इस स्कीम के तहत इस कैटगरी के फ्लैट की कीमत 55 लाख रुपये तय की गई थी जबकि इतनी कीमत में पंचकूला और मोहाली के कई हाउसिंग प्रोजेक्ट में थ्री और फोर बीएचके का रेडी टू मूव फ्लैट भी मिल जाता है ।
सेक्टर-53 की इस स्कीम में एचआइजी कैटेगरी ए के तहत 192, एमआइजी बी के 100 और ईडब्ल्यूएस सी कैटेगरी के लिए 80 फ्लैट होंगे। यहां पर फोर बेड रूप के फ्लैट का निर्माण नहीं होगा। इससे पहले प्रशासक के आदेश पर इस स्कीम को सिरे चढ़ाने के लिए 17 जनवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें डिमांड सर्वे करवाने का निर्णय लिया गया था।
सर्वे के दौरान कुल 7468 लोगों ने इस स्कीम के तहत सर्वे में भाग लेकर अपनी दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन लोगों ने पुराने रेट पर यह इच्छा जाहिर की थी। इसलिए अब प्रशासन ने अब सर्वे के तहत लिए गए शुल्क को वापस करने का निर्णय भी हाल ही में लिया है। प्रशासन के अनुसार आवेदन शुल्क को वापस किया जाएगा जबकि स्कीम को रद नहीं किया गया है।
इस स्कीम के तहत कुल 372 फ्लैट का निर्माण होना है। सबसे ज्यादा सर्वे थ्रीएचके के लिए ही आए थे, कुल 5081 लोगों ने आवेदन किया था। मालूम हो कि कलेक्टर रेट बढ़ने से पंजीकरण तो महंगा हो गया है, इसके साथ ही पूरे शहर में प्रॉपर्टी की कीमतें भी बढ़ गई है। अब प्रशासन कन्वर्जन रेट भी बढ़ाने जा रहा है। मालूम हो कि इससे पहले साल 2020 में जब यह योजना लाई गई थी, उस डिमांड सर्वे के दौरान मात्र 148 आवेदन प्राप्त हुए थे।
उस समय बोर्ड ने योजना को रद कर दिया था। अब संशोधित दरों के आधार पर योजना को पुनः लागू करने का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा जा रहा है। मालूम हो कि इससे पहले हाउसिंग बोर्ड इतनी महंगी कीमत के फ्लैट की स्कीम कभी भी लॉन्च नहीं कर पाया है।
जमीन खरीदी थी पांच लाख एकड़
प्रशासन की ओर से सेक्टर-53 की हाउसिंग स्कीम को लॉन्च किया जा रहा है। जबकि यहां पर प्रशासन ने साल 2003 में जमीन सिर्फ पांच लाख एकड़ में खरीदी थी। 9 एकड़ जमीन पर यह हाउसिंग स्कीम का निर्माण होना है। पिछले 12 साल से शहर में एक भी अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम प्रशासन ने लॉन्च नहीं की है। साल 2008 की हाउसिंग इंप्लाइज स्कीम के लिए प्रशासन सस्ते रेट पर जमीन देने के लिए तैयार नहीं है।
जबकि फ्लैट के रेट तय करके ड्रा निकाले गए। कर्मचारियों के पक्ष में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में फैसला आने के बावजूद प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए अरजी दाखिल कर दी, जो कि अब विचाराधीन है और 3930 सरकारी कर्मचारी अपने फ्लैट के लिए पिछले 16 साल से भटक रहे हैं।
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