हरियाणा में कांग्रेस विधायकों का भाजपा प्रेम, CM सैनी की तारीफ ने बढ़ाई दल-बदल की अटकलें; पार्टी हाइकमान ने क्या कहा?
हरियाणा में कांग्रेस के कई विधायक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कार्यप्रणाली की सराहना कर रहे हैं और भाजपा के मंच साझा कर रहे हैं, जिससे उनकी राजनीतिक निष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा इसे लेकर उत्साहित है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि विधायकों का मुख्यमंत्री से मिलना सामान्य है और वे भी भाजपा विधायकों के संपर्क में हैं। दोनों दल एक-दूसरे के विधायकों को...
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में 11 साल से अधूरे संगठन का निर्माण करने में लगी कांग्रेस के विधायकों की राजनीतिक निष्ठा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। 37 विधायकों वाली कांग्रेस के कई विधायक जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कार्यप्रणाली की दिल खोलकर सराहना कर रहे हैं, वहीं भाजपा सरकार का राजनीतिक मंच भी साझा करने से उन्हें परहेज नहीं है। कुछ विधायक ऐसे हैं, जो भाजपा के किसी प्लेटफार्म पर जाने से कतरा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री निवास पर उनकी आवाजाही लगातार बनी हुई है।
कांग्रेस विधायकों के इस बदले हुए आचरण से भाजपा काफी उत्साहित है। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने तो यहां तक कह दिया कि उनकी पार्टी के संपर्क में होने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या उम्मीद से कहीं अधिक है, जिसे लेकर कांग्रेस में घमासान के हालात हैं।
क्या भाजपा विधायक तलाश रहे कांग्रेस में भविष्य?
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने यह कहते हुए अपनी पार्टी के विधायकों की तरफदारी की है कि उनके संपर्क में भी भाजपा के एक दर्जन विधायक हैं, जिनके राज्य में सरकार होने के बावजूद काम नहीं हो रहे हैं। ऐसे विधायक अभी से अपने राजनीतिक भविष्य की तलाश में जुट गए हैं।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद को भाजपा के इस दावे की बिल्कुल भी चिंता नहीं है कि कांग्रेस के विधायक उनके संपर्क में हैं। हरिप्रसाद की दलील है कि विधायक किसी भी पार्टी का हो, उसका सरकार के कार्यालय, आवास और सरकारी कार्यक्रमों में जाना पार्टी विरोधी गतिविधियों में बिल्कुल भी नहीं आता।
उनका कहना है कि किसी भी विधायक को सरकार से अपने काम निकलवाने होते हैं, अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए विकास परियोजनाएं मंजूर करानी होती हैं, ऐसे में यदि कोई विपक्षी विधायक मुख्यमंत्री से मिलता है तो इसे पार्टी विरोधी गतिविधियों में नहीं माना जा सकता। न ही इसका मतलब यह है कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले कांग्रेस विधायकों की मानसिकता भाजपा वाली हो चुकी है। उनके पास ऐसे बहुत से उदाहरण हैं, जब राज्य में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी और भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों के विधायक कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के संपर्क में हुआ करते थे।
सेंधमारी में जुटीं पार्टियां
भाजपा अध्यक्ष और कांग्रेस प्रभारी की ये दलीलें भले ही अपनी पार्टियों के आंतरिक विरोध को शांत करने का एक तरीका हैं, लेकिन दोनों दल एक दूसरे की राजनीति में सेंधमारी का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाह रहे हैं। भाजपा ने जब से सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी विपक्षी दलों के विधायकों एवं सांसदों को आमंत्रित करना चालू किया है, तब से कांग्रेस विधायकों के भाजपा प्रेम को ज्यादा हवा मिली है।
कांग्रेस विधायकों के भाजपा से संपर्क का मुद्दा क्यों उठा?
हरियाणा में कांग्रेस के विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने का मामला तब से चल रहा है, जब सिरसा के कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का मंच साझा किया था। उनके बाद नारायणगढ़ की विधायक शैली चौधरी ने सीएम के कामकाज की तारीफ की थी। गोकुल सेतिया तो मुख्यमंत्री के निवास पर अपने उन समर्थकों के साथ भोजन तक कर चुके हैं, जिनके काम के लिए वह सीएम से मिलने उन्हें साथ लेकर गए थे।
शैली चौधरी की गिनती कुमारी सैलजा समर्थक विधायकों में होती है, जबकि गोकुल सेतिया को विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस नेता अजय माकन के हस्तक्षेप के बाद पार्टी में शामिल करवाया था।
इनके अलावा भी कुछ विधायक ऐसे हैं, जो लगातार नायब सिंह सैनी की सरकार से संपर्क साधे हुए हैं। गोकुल सेतिया की भाजपा से बढ़ रही नजदीकियों पर हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा ने गत दिनों आपत्ति जताई थी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मिलकर कहा था कि चुनाव में हमारा विरोध करने वालों को अब नजदीक नहीं लाना चाहिए।
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नारायणगढ़ में सीएम के साथ मंच साझा करते हुए कांग्रेस विधायक शैली चौधरी ने कहा था कि यह नारायणगढ़ के लिए सम्मान की बात है कि हमारे सीएम मेहनती हैं। हमें गर्व है कि वह यहां से ताल्लुक रखते हैं। न केवल नारायणगढ़, बल्कि पूरा राज्य उनके काम की तारीफ कर रहा है। उसके बाद शैली चौधरी ने अपने क्षेत्र को लेकर सीएम के सामने मांगें रखी थीं।
सिरसा के कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वह सीएम सैनी से प्रभावित हैं। मैंने डिप्टी कमिश्नर को एक निवेदन भेजा था और मैं सीएम का स्वागत करना चाहता था, लेकिन मुझे सिरसा में अस्थायी एयरपोर्ट के अंदर आने नहीं दिया गया। जब सीएम को पता चला कि मैं बाहर खड़ा हूं, तो वह मेरे लिए तीन मिनट खड़े रहे, अपनी कार रोकी और मुझे पूरा सम्मान दिया।
इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान का कहना है कि भाजपा पहले अपने ही विधायकों को संभाल ले। भाजपा हमेशा से खरीद-फरोख्त की राजनीति करती आई है। विधानसभा चुनाव से पहले किस तरीके से भाजपा में भगदड़ मच रही थी, सभी ने देखा। भाजपा के नेता अपनी पार्टी छोड़-छोड़कर कांग्रेस में आ रहे थे। भाजपा अपने नेताओं को संभाल कर रखे, क्योंकि थोड़े दिन बाद फिर से भगदड़ मचने वाली है। अब कांग्रेस का संगठन मजबूत होने जा रहा है।
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