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    पंजाब में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, अकाली नेता बिक्रम मजीठिया गिरफ्तार; किस मामले में फंसे पूर्व मंत्री?

    पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब में 25 स्थानों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया। उनकी पत्नी ने दावा किया कि यह आय से अधिक संपत्ति का मामला है, हालांकि ब्यूरो ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मजीठिया पहले से ही 2021 के ड्रग्स मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। मजीठिया और अकाली नेताओं ने सरकार पर विपक्षी आवाज दबाने का आरोप लगाया।

    By Nitish Kumar Kushwaha Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 25 Jun 2025 02:33 PM (IST)
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    अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है।

    पीटीआई, चंडीगढ़। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार को वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब में 25 स्थानों पर छापेमारी करने के बाद गिरफ्तार कर लिया, जिसमें अमृतसर में पूर्व मंत्री का आवास भी शामिल है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। मजीठिया की पत्नी और अकाली विधायक गनीव कौर मजीठिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है।

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    हालांकि, ब्यूरो ने अभी तक उस मामले के विवरण की पुष्टि नहीं की है, जिसमें उसने अकाली नेता को गिरफ्तार किया है। ब्यूरो ने पुलिस के साथ मिलकर पंजाब में 25 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें अमृतसर में नौ स्थान शामिल हैं, जिसमें मजीठिया का स्थान भी शामिल है, जो शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले हैं।

    मजीठिया पहले से ही 2021 के ड्रग्स मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। मजीठिया और उनकी पत्नी ने दावा किया कि विजिलेंस ब्यूरो के सदस्य अमृतसर के ग्रीन एवेन्यू में उनके घर में जबरन घुस आए। उन्होंने दावा किया कि चंडीगढ़ में उनके आवास पर भी इसी तरह की छापेमारी की गई थी। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, उनकी पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और कई वरिष्ठ अकाली नेताओं ने मजीठिया के आवास पर छापेमारी को लेकर आप सरकार पर निशाना साधा।

    अकाली समर्थकों ने जमकर की नारेबाजी

    कौर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, 'हम लड़ाई जारी रखेंगे। लोग मजीठिया के साथ खड़े रहेंगे।' इससे पहले, जैसे ही मजीठिया के आवास पर छापेमारी की खबर सोशल मीडिया पर आई, अकाली नेता और समर्थक उनके आवास की ओर बढ़ गए और भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

    मजीठिया के आवास की ओर जाने वाली सड़क पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और पुलिसकर्मियों ने किसी को भी बैरिकेड्स से आगे नहीं जाने दिया। जैसे ही अधिकारियों की एक टीम मजीठिया के घर में दाखिल हुई, कौर ने अधिकारियों से पूछा, 'क्या हो रहा है? मैं जानना चाहती हूं कि क्या हो रहा है। आप मेरी जानकारी के बिना मेरे घर में कैसे घुस आए।'

    बिक्रम मजीठिया ने यह भी आरोप लगाया कि सतर्कता अधिकारियों ने उनके बच्चों को 'आतंकित' करते हुए घर में 'घुसपैठ' की। पूर्व मंत्री को सतर्कता विभाग के एक अधिकारी से बहस करते हुए सुना जा सकता है, जिस तरह से वे उनके घर में घुसे, उस पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए। मजीठिया ने सतर्कता विभाग की टीम से कहा, 'आपने जबरदस्ती घुसने का प्रयास किया। यह कोई तरीका नहीं है।'

    उन्होंने कहा, 'मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं सहयोग करने के लिए तैयार हूं।' एक वीडियो में मजीठिया ने मान सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आप विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। मजीठिया ने दावा किया कि मंगलवार रात सतर्कता विभाग ने एक नई एफआईआर दर्ज की है।

    मजीठिया ने मान सरकार पर बोला हमला

    उन्होंने कहा, 'वे जबरदस्ती घर में घुसे। अगर एफआईआर दर्ज की गई है, तो हम कानून के अधीन हैं। अगर उन्हें डीए (आय से अधिक संपत्ति) मामले में एफआईआर दर्ज करनी थी, तो वे नोटिस देकर एफआईआर दर्ज कर सकते थे। यह बहुत स्पष्ट है कि वे (आप) घबरा गए हैं।' मजीठिया ने कहा कि सतर्कता विभाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में सतर्कता ब्यूरो की एक टीम ने छापेमारी की।

    मजीठिया ने कहा, 'भगवंत मान जी, यह समझ लीजिए, आप चाहे जितनी भी एफआईआर दर्ज कर लें, न तो मैं डरूंगा और न ही आपकी सरकार मेरी आवाज दबा सकती है।' उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा पंजाब के मुद्दों पर बात की है और आगे भी करता रहूंगा।'

    पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) मजीठिया के खिलाफ 2021 के ड्रग मामले की जांच कर रही है। ड्रग मामले के संबंध में अकाली नेता को कई बार तलब कर पूछताछ की जा चुकी है। इस साल मार्च में एसआईटी ने दावा किया था कि उसे मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी फर्मों में 'संदिग्ध वित्तीय लेनदेन' का पता चला है। मजीठिया के खिलाफ ड्रग मामले की जांच कर रही एसआईटी ने तब कहा था कि उसने विदेशों में वित्तीय लेनदेन की जांच के लिए अपनी जांच का विस्तार किया था।

    मजीठिया पर 20 दिसंबर, 2021 को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। यह कार्रवाई एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर की गई। राज्य अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की थी। मजीठिया ने पटियाला जेल में पांच महीने से अधिक समय बिताया और अगस्त 2022 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद जेल से बाहर आ गए।