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    कोरोना से हो गया व्यक्ति का निधन तो उनके Aadhaar, PAN, Voter ID, Passport का क्या करना चाहिए, बता रहे हैं एक्सपर्ट

    By NiteshEdited By:
    Updated: Mon, 14 Jun 2021 10:30 AM (IST)

    PAN Card Aadhaar Card Voter ID card Passport Driving License ये सभी सरकारी पहचान पत्र के तौर पर काम आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद इन आईडी का क्या होता होगा?

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    What to do with Aadhaar PAN Passport Voter ID And Other Official Documents

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। PAN Card, Aadhaar Card, Voter ID card, Passport, Driving License ये सभी सरकारी पहचान पत्र के तौर पर काम आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद इन आईडी का क्या होता होगा? मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को अक्सर यह नहीं पता होता है कि उन्हें मृतक के विभिन्न आधिकारिक दस्तावेजों और आईडी के साथ क्या करना चाहिए। इन्हें कब तक रखना चाहिए? इसके अलावा, क्या वे इन दस्तावेजों को शासित और जारी करने वाली संस्थाओं को वापस दे सकते हैं? आज हम इस खबर में आपको इसी के बारे में जानकारी दे रहे हैं...

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    Aadhaar: आधार नंबर पहचान के प्रमाण और पते के प्रमाण के तौर पर काम आता है। विभिन्न स्थानों जैसे एलपीजी सब्सिडी का लाभ उठाते समय, सरकार से छात्रवृत्ति लाभ, ईपीएफ खातों आदि के मामले में आधार संख्या को बताना जरूरी है। सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार और एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, 'आधार अपनी प्रकृति से एक विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में होता है। लेकिन, कानूनी उत्तराधिकारियों या परिवार के सदस्यों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आधार का मिसयूज न हो।' उन्होंने कहा कि UIDAI के पास मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को कैंसिल करने की कोई प्रक्रिया नहीं है और आधार डेटाबेस में धारक की मृत्यु के बारे में जानकारी को अपडेट करने का भी प्रावधान नहीं है।

    Voter ID Card: सोलंकी कहते हैं, 'मतदाता पहचान पत्र के मामले में निर्वाचक रजिस्ट्रेशन नियम, 1960 के तहत व्यक्ति के मृत्यु हो जाने पर इसे कैंसिल करने का प्रावधान है।' जितेंद्र सोलंकी ने कहा, 'मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को स्थानीय चुनाव कार्यालय में जाना चाहिए। चुनावी नियमों के तहत एक विशेष फॉर्म, यानी फॉर्म नंबर 7 को भरना होगा और इसे रद करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ जमा करना होगा।'

    PAN: सोलंकी ने कहा, 'पैन कार्ड का इस्तेमाल विभिन्न काम जैसे बैंक खातों, डीमैट खातों, मृतक के आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए एक अनिवार्य रिकॉर्ड के तौर पर काम आता है। पैन किसी भी व्यक्ति के लिए तब तक जरूरी है जब तक ऐसे सभी खाते बंद नहीं हो जाते, जहां पैन का उल्लेख करना अनिवार्य है। आईटीआर दाखिल करने के मामले में पैन को तब तक रखा जाना चाहिए जब तक कि आयकर विभाग द्वारा कर रिटर्न दाखिल का प्रोसेस नहीं किया जाता है।' उन्होंने कहा, जब आयकर विभाग से जुड़े सारे काम हो जाएं तो उत्तराधिकारी को एक बार आयकर विभाग में सम्पर्क कर PAN Card को सरेंडर कर देना चाहिए।

    Passport: एक्सपर्ट सोलंकी कहते हैं, 'पासपोर्ट के संबंध में मृत्यु पर सरेंडर या रद करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा अधिकारियों को जानकारी देने की कोई प्रक्रिया भी नहीं है।' हालांकि एक बार पासपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद यह डिफ़ॉल्ट तौर पर अमान्य हो जाता है। हालांकि, इस दस्तावेज़ को मृत्यु के बाद भी उत्तराधिकारी के पार रखना बुद्धिमानी भरा फैसला है, क्योंकि आप इसे बाद में आने वाली परिस्थितियों में प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

    इसके अलावा आधार और पासपोर्ट जैसे दस्तावेज सरेंडर नहीं किया जा सकता है, उन्हें नष्ट करने के बजाय मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ रखा जा सकता है।