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    जल्‍द ही फीचर फोन से कर सकेंगे UPI आधारित भुगतान, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा

    By Manish MishraEdited By:
    Updated: Thu, 09 Dec 2021 07:50 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को फीचर फोन्‍स के लिए डिजिटल पेमेंट सिस्‍टम की घोषणा की। उन्‍होंने आरबीआई की रिटेल डायरेक्‍ट स्‍कीम के लिए यूपीआई पेमेंट्स की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये करने की भी घोषणा की।

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    UPI-based payment products for feature phones users soon

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मौद्रिक नीति समीक्षा करते हुए आरबीआइ ने इस बार ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। एक अहम कदम यह भी है कि अब फीचर फोन से भी ग्राहक यूपीआइ के जरिये खरीद-बिक्री कर सकेंगे। देश में कुल 118 करोड़ फोन हैं जिसमें 74 करोड़ स्मार्टफोन हैं। इस तरह से 44 करोड़ ग्राहकों को आरबीआइ के नए फैसले से डिजिटल भुगतान की सुविधा मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा। इसका ग्रामीण क्षेत्र में खास तौर पर फायदा होगा। इस क्रम में आरबीआइ गवर्नर डा. शक्तिकांत दास ने यूपीआइ के जरिये छोटे-छोटे भुगतान करने के मामलों में यूपीआइ एप में खास सुविधा शामिल करने का ऐलान किया है।

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    दास ने कहा कि यूपीआइ से होने वाले कुल भुगतान में 50 प्रतिशत हिस्सा 200 रुपये से कम की मात्रा का होता है। अब यूपीए एप में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कम राशि के लेनदेन और आसानी से हो सकें। इसी तरह से एक दूसरा अहम फैसला करते हुए आरबीआइ ने खुदरा निवेशकों के लिए शेयर बाजार में यूपीआइ के जरिये भुगतान की मौजूदा सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। जल्द ही एनपीसीआइ इसका दिशानिर्देश जारी करेगी।

    आरबीआइ ने डिजिटल पेमेंट के मनमाने चार्ज पर लगाम की भी तैयारी की है। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या दूसरे डिजिटल भुगतान की राह में एक बड़ी अड़चन इस पर वसूला जाने वाला शुल्क है जो कई बार ग्राहकों को काफी भारी पड़ता है। आरबीआइ ने अब इस मुद्दे को संज्ञान में लिया है और कहा है कि देश में सभी तरह के डिजिटल भुगतान पर क्या शुल्क लिया जाए, इस पर विचार विमर्श करके फैसला करेगा। इस बारे में एक महीने के भीतर एक प्रपत्र जारी किया जाएगा जिसमें हर तरह के कार्ड या प्री पेड कार्ड या वैलेट या यूपीआइ पर वसूले जाने वाले शुल्कों पर फैसला होगा।

    बैंक करेंगे विदेश में विस्तार

    आरबीआइ ने विदेश में शाखा चलाने वाले भारतीय बैंकों को एक बड़ी राहत यह दी है। विदेश स्थित सहायक इकाई या शाखा में नए निवेश के लिए आरबीआइ से पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। इस बारे में बैंक सिर्फ अपने बोर्ड से अनुमति लेकर आवश्यक कदम उठा सकेंगे। हालांकि आरबीआइ ने यह जरूर कहा है कि बैंक इस बारे में फैसला लेने से पहले सारे नियमनों को सुनिश्चित करेंगे और यह भी देखेंगे कि इस तरह के फैसले की कितनी जरूरत है। माना जा रहा है कि इस फैसले से विदेशों में भारतीय बैंक अब ज्यादा तेजी से विस्तार कर सकेंगे।