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दुनिया में सबसे अधिक कैशलेस लेन-देन का बनाया रिकॉर्ड, डिजिटल गवर्नेंस ने बदली भारत की तस्वीर: एस जयशंकर

रायसीनासिडनी बिजनेस ब्रेकफास्ट मेगा इवेंट में भू-राजनीति से लेकर प्रौद्योगिकी और अर्थशास्त्र तक के मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। इसमें विदेश मंत्री ने भारत की प्रगति के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि भारत कैशलेस लेन-देन का रिकॉर्ड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiPublished: Sat, 18 Feb 2023 11:08 AM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2023 11:08 AM (IST)
S Jaishankar Says India has Largest Number Of Cashless Transactions In World

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'रायसीना@सिडनी' बिजनेस ब्रेकफास्ट में कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कैशलेस लेन-देन का रिकॉर्ड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 'यदि आप हमारे कैशलेस लेन-देन यूपीआई को देखते हैं तो मुझे लगता है कि हम दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में कैशलेस लेन-देन करते हैं।'

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एस जयशंकर ने कहा कि लोगों में इस तकनीक के प्रति स्वीकार्यता बढ़ रही है एक बहुत बड़ा अंतर है।

आपको बता दें कि रायसीना@सिडनी बिजनेस ब्रेकफास्ट का आयोजन सिडनी के इंटरकांटिनेंटल होटल में ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) और भारत के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

डिजिटल क्रांति साबित हो रहा यूपीआई

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का डिजिटल ढांचा लेन-देन की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि 'हमने लोगों को बैंक खाते खोलने के लिए प्रोत्साहित किया। भारत सरकार ने जीरो बैलेंस खाते भी खोले हैं। अगर आप मुझसे पूछें  कि आप COVID से कैसे बचे, तो मैं इसका श्रेय सरकार की उन योजनाओं को दूंगा जो लोगों को आर्थिक रूप से समर्थन देने और उन तक भोजन पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं।

जयशंकर ने यह भी कहा कि सामाजिक आर्थिक वितरण करने के लिए डिजिटल गवर्नेंस आज बुनियादी तंत्र बन गया है। भारत यह प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है कि देश, आय के पैमाने पर भी सोशल वेलफेयर सिस्टम का निर्माण कर सकता है। इस आय का पैमाना प्रति व्यक्ति 2,000 अमेरिकी डॉलर है।

सरकारी योजनाओं ने बदली सूरत

सामाजिक कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि पिछले चार वर्षों में भारत ने 5 करोड़ लोगों को तक सामाजिक स्वास्थ्य योजनाएं पहुंचाई हैं। लगभग इतनी ही संख्या में लोग पेंशन योजनाओं द्वारा कवर किए गए हैं।

उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबों तक रसोई गैस पहुंचना एक सफल कार्यक्रम था। हमारे पास हाउसिंग कार्यक्रम भी हैं। हमने पहले ही 3 करोड़ घर बनाकर दिए हैं। उन्होंने कहा कि आज आप भारत में बुनियादी ढांचे में बदलाव देख सकते हैं। यह बदलाव एकीकृत बुनियादी ढांचा नीति के कारण हुआ है।

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