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    S&P ने भारत की सावरेन रेटिंग बरकरार रखी, कहा- अर्थव्यवस्था में स्थिरता के संकेत

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Thu, 18 May 2023 08:55 PM (IST)

    केंद्र सरकार और कुछ हद तक राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को बढ़ावा से देने में अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी। एसएंडपी ने कहा है कि यह व्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान भी जारी रहेगी।

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    S&P affirms India's sovereign rating on fast-growing economy

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार को स्थिर आउटलुक के साथ भारत की लंबी अवधि की सावरेन रेटिंग को 'बीबीबी-' पर बरकार रखा। एजेंसी ने कहा है कि भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा और इसकी बाहरी बैलेंसशीट काफी मजबूत है।

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    एजेंसी का कहना है कि भारत का राजकोषीय प्रदर्शन कमजोर हो सकता है और प्रति व्यक्ति जीडीपी कम रह सकती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रह सकती है, जो व्यापक वैश्विक मंदी के बीच दूसरे उभरते बाजारों के अनुकूल है।

    स्थिर है भारत की विकास दर

    एजेंसी का कहना है कि निवेश और उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि अगले 3-4 वर्षों में ठोस विकास की संभावनाओं को मजबूत करेगी। बीबीबी- निवेश के लिए सबसे निचली रेटिंग होती है। फिच के बाद एसएंडपी दूसरी वैश्विक रेटिंग एजेंसी है जिसने भारत की सावरेन रेटिंग और स्थिर आउटलुक को बरकरार रखा है।

    दीर्घकालीन रेटिंग के साथ स्थिर परिदृश्य यह बताता है कि देश की मजबूत अर्थव्यवस्था और राजस्व में अच्छी वृद्धि राजकोष को मजबूती प्रदान करेगा।

    अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के लिये ‘बीबीबी-’ दीर्घकालीन रेटिंग की पुष्टि की है। साथ ही अल्पकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा को लेकर ‘ए-3’ रेटिंग की पुष्टि की है। दीर्घकालीन साख को लेकर परिदृश्य स्थिर है।’’ आपको बता दें कि ‘बीबीबी-’ निम्न निवेश स्तर की रेटिंग है।

    क्या है एसएंडपी का अनुमान

    एसएंडपी ने कहा है कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्थिति में भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा है। हमारा अनुमान है कि मजबूत आर्थिक बुनियाद से अगले दो-तीन साल वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सरकार राजकोष के स्तर पर चीजों को दुरुस्त करने के प्रयासों के बावजूद राजकोषीय घाटा ऊंचा और कर्ज अधिक बनाये रख सकती है।

    एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने भी मजबूत आर्थिक वृद्धि तथा बाह्य स्तर पर वित्त के मामले में अच्छी स्थिति का हवाला देते हुए भारत के लिए स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ रेटिंग की पुष्टि की है।