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    Mastercard का करते हैं इस्‍तेमाल तो जान लीजिए RBI ने क्‍या बड़ी कार्रवाई की

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Mastercard Asia Pacific पर बड़ी कार्रवाई की है। RBI ने मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिक पर 22 जुलाई से नये क्रेडिट डेबिट और प्रीपेड कार्ड ग्राहक बनाने को लेकर पाबंदी लगा दी है। ऐसा कंपनी द्वारा आंकड़ा रखरखाव नियमों का पालन नहीं करने पर हुआ है।

    By Ashish DeepEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 10:19 AM (IST)
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    देश में कार्ड जारी करने वाली बड़ी इकाई मास्टरकार्ड तीसरी प्रमुख कंपनी है। (Pti)

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Mastercard Asia Pacific पर बड़ी कार्रवाई की है। RBI ने मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिक पर 22 जुलाई से नये क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड ग्राहक बनाने को लेकर पाबंदी लगा दी है। ऐसा कंपनी द्वारा आंकड़ा रखरखाव नियमों का पालन नहीं करने पर हुआ है। देश में कार्ड जारी करने वाली बड़ी इकाई मास्टरकार्ड तीसरी प्रमुख कंपनी है, जिस पर भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर आरबीआई के निर्देश का अनुपालन न करने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है।

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    इससे पहले, RBI ने अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड को आंकड़ा रखे जाने से जुड़े मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों को जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया था। मास्टरकार्ड ने अपने बयान में कहा कि वह आरबीआई के इस रुख से निराश है।

    केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने बुधवार को मास्टर कार्ड एशिया पैसेफिंग पीटीई लि. (मास्टर कार्ड) पर 22 जुलाई, 2021 से डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड के नये घरेलू ग्राहक बनाने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया।

    आरबीआई ने हालांकि कहा कि इस कदम से मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मास्टरकार्ड पर पाबंदी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि कंपनी को पर्याप्त समय और अवसर देने के बाद भी, वह भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर दिशानिर्देशों का अनुपालन करने में विफल रही है।

    मास्टरकार्ड एक भुगतान प्रणाली परिचालक है जो भुगतान और निपटान प्रणाली कानून 2007 (पीएसएस कानून) के तहत देश में कार्ड नेटवर्क के परिचालन के लिये अधिकृत है।

    केंद्रीय बैंक के अनुसार भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव को लेकर छह अप्रैल, 2018 को परिपत्र जारी किया गया था। इसके तहत सभी संबंधित सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि वे छह महीने के भीतर भुगतान व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़े केवल भारत में ही रखने की व्यवस्था करें।

    साथ ही उन्हें इसके अनुपालन के बारे में आरबीआई को जानकारी देनी थी। मास्टरकार्ड ने बयान में कहा कि कंपनी कानून और नियामकीय दायित्वों को पूरा करने लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वर्ष 2018 में देश में ही घरेलू भुगतान लेनदेन आंकड़ा रखे जाने की आवश्यकता वाले आरबीआई के निर्देश के जारी होने के बाद से, हमने अपनी गतिविधियों और अनुपालन के बारे में लगातार जानकारी और रिपोर्ट प्रदान की है।

    हालांकि हम आरबीआई के रुख से निराश हैं, लेकिन हम उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त विवरण प्रदान करने को लेकर उनके साथ काम करना जारी रखेंगे।