RBI Monetary Policy April 2023: लोन और EMI के बढ़ते बोझ से मामूली राहत, रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए मई से फरवरी तक रेपो दर में कई बार वृद्धि की है। महंगाई की दर अब भी केंद्रीय बैंक के 6 फीसद के टॉलरेंस बैंड से उपर बनी हुई है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI Monetary Policy April 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ने नई मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। RBI MPC ने इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस आशय का ऐलान किया।
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली समिति के सामने इस बार दो मुद्दे बहुत अहम थे, एक लगातार 6 फीसद के ऊपर बनी हुई महंगाई और दूसरा, विपरीत वैश्विक परिस्थियों से निपटने की कवायद। इन दोनों को एक साथ साधना बहुत मुश्किल काम है।
उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों, विशेष रूप से यूएस फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा हाल ही में की गई बढ़ोतरी के मद्देनजर यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज समाप्त होने के बाद रेपो दरों को 6.50 फीसद के स्तर पर बरकरार रखने की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की गई।
रेपो दर में बदलाव नहीं
आज की जाने वाले घोषणा में रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और अन्य संबंधित निर्णय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आरबीआई गवर्नर ने वर्तमान घरेलू और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की। बता दें कि बहुत से अर्थशास्त्रियों का मानना था कि रेपो रेट में एक चौथाई अंक या 25 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि हो सकती है। हाल के दिनों में जारी किए जाने वाले आर्थिक आंकड़ों की इसमें अहम भूमिका रही।
क्या हैं इस फैसले के मायने
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार, 6 अप्रैल 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फरवरी में आरबीआई ने 25 आधार अंकों की वृद्धि की थी। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में लगातार वृद्धि की है।
भविष्य में बढ़ सकती है दर
द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भविष्य में दर बढ़ाने से संकोच नहीं करेगी। दास ने ब्याज दर को बरकरार रखते हुए कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है। आपको बता दें कि फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने के 6.52 प्रतिशत की तुलना में 6.44 प्रतिशत रही। MPC ब्याज दरों को निर्धारित करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति की संख्या को ध्यान में रखता है।
विकास अनुमान में बदलाव
अगले वित्त वर्ष के लिए, आरबीआई ने फरवरी में अनुमानित 6.4 प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया। वित्त मंत्रालय के नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण में, 2023-24 के लिए विकास दर 6-6.8 प्रतिशत अनुमानित की गई थी।
पिछले महीने, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दर में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की घोषणा की। बढ़ोतरी के साथ, फेड ने मार्च 2022 में लगभग शून्य के स्तर पर रही संघीय दर को बढ़ाकर 4.75-5 प्रतिशत कर दिया है।
इन फैक्टर्स पर रही आरबीआई की नजर
- विश्व बैंक ने बढ़ती उधारी लागत और धीमी आय वृद्धि का हवाला देते हुए भारत के विकास लक्ष्य को 6.6% से घटाकर 6.3% कर दिया। इन कारकों का निजी उपभोग वृद्धि पर प्रभाव देखा जाता है।
- फरवरी में मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52% से घटकर 6.44% हो गई, लेकिन लगातार दूसरे महीने के लिए ये सहिष्णुता सीमा से ऊपर रही।
- 24 मार्च, 2023 को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.98 बिलियन डॉलर बढ़कर आठ महीने के उच्च स्तर 578.78 बिलियन डॉलर हो गया।
- फरवरी में भारत का माल निर्यात एक साल पहले इसी महीने के 37.15 अरब डॉलर से घटकर 33.88 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात पिछले साल इसी महीने के 55.9 अरब डॉलर के मुकाबले गिरकर 51.31 अरब डॉलर रह गया।
- इस साल अब तक रुपया 80.88-82.95 प्रति डॉलर बैंड में कारोबार कर चुका है और मंगलवार को ये 82.10 से ऊपर था।