त्योहारों के सीजन में ई -कॉमर्स साइट्स को राहत, सरकार ने फिलहाल दी है ये छूट
सरकार ई कॉमर्स नियमों को लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ गहन विचार विमर्श करने के बाद ही कोई नियम जारी करेगी। ई-कॉमर्स को लेकर जारी किए गए ड्राफ्ट नियमों में फ्लैश सेल और बंपर डिस्काउंट पर रोक लगाने के प्रस्ताव थे जिसका ई-कॉमर्स कंपनियां विरोध कर रही हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। आने वाले त्योहारों में ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं और ई -कॉमर्स साइट्स के लिए राहत की खबर है। इस त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने ई कॉमर्स कंपनियों के फ़्लैश सेल रोकने के फैसले को कुछ समय के लिए टाल सकती है। जिससे त्योहारों के सीजन में लोग जबरदस्त शॉपिंग करें और उसका फायदा अर्थव्यवस्था को मिले। जानकारी के मुताबिक सरकार ई कॉमर्स नियमों को लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ गहन विचार विमर्श करने के बाद ही कोई नियम जारी करेगी। ई-कॉमर्स को लेकर जारी किए गए ड्राफ्ट नियमों में फ्लैश सेल और बंपर डिस्काउंट पर रोक लगाने के प्रस्ताव थे जिसका ई-कॉमर्स कंपनियां विरोध कर रही हैं।
त्योहारी का सीजन दस्तक दे रहा है। हर साल की तरह इस वर्ष भी फ्लिपकार्ट अमैजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां फ्लैश सेल लेकर आने वाली है। कोरोना और लॉकडाउन के चलते संकट से जूझ रहे छोटे कारोबारी भी नहीं चाहते कि सरकार फ़्लैश सेल या बंपर डिस्काउंट पर कोई रोक लगाए। फ़्लैश सेल का फायदा छोटे कारोबारियों को भी होता है। फ़्लैश सेल के जरिये स्टॉक क्लेरेंस में मदद मिलती है। देश में बड़ी संख्या में छोटे कारोबारी ई-कॉमर्स के जरिये अपना सामान बेचते हैं। इंडिया एसएमई फोरम के प्रेसिडेंट विनोद कुमार कहते हैं कि इन प्लेटफार्म के जरिये ट्रेडर्स ही अपना सामान बेचते हैं। फ्लिपकार्ट पर 6.5 लाख और अमैजन पर 8 लाख से अधिक ट्रेडर्स रजिस्टर्ड हैं। अगर दो साल से कोविड चल रहा, ट्रेडर्स का माल नहीं बिक रहा। अगर कोई प्लेटफॉर्म है जहां उसका माल बिक रहा तो फिर क्या दिक्कत है।
वहीं उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा तैयार किये गए नए ई - कॉमर्स ड्राफ्ट रूल्स पर नीति आयोग से लेकर वित्त मंत्रालय अपना ऐतराज़ जता चुका है। उपभोक्ता मंत्रालय का मानना है कि इस फैसले से ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी वही छोटे कारोबारियों को ई-कॉमर्स वेबसाइट से हो रहे नुकसान से बचाया जा सकेगा।
लेकिन दूसरे मंत्रालयों का मानना है कि अगर इन फैसलों को लागू किया गया तो जिस ई-कॉमर्स में हाल के दिनों में देश में भारी-भरकम विदेशी निवेश आया है इस फैसले से प्रभावित हो सकता है। ई-कॉमर्स के नए ड्राफ्ट रूल्स को लेकर सरकार के भीतर जारी अंतर्विरोध के बाद तय है कि इन रूल्स को लागू करने से पहले गहन विचार विमर्श किया जाएगा। उसके बाद ही नियम बनाए जाएंगे।
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