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मार्च में रिकॉर्ड स्तर पर हुई पेट्रोल-डीजल की बिक्री, ये रही वजह

सालाना आधार पर मार्च में पेट्रोल की बिक्री में 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। डीजल की बिक्री भी पिछले साल की अपेक्षा 2.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हालांकि एलपीजी की बिक्री में कमी आई है। (जागरण फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Sun, 02 Apr 2023 04:23 PM (IST)Updated: Sun, 02 Apr 2023 04:23 PM (IST)
मार्च में रिकॉर्ड स्तर पर हुई पेट्रोल-डीजल की बिक्री, ये रही वजह
Petrol diesel sales rise to record level

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में ईंधन की मांग में मार्च के महीने में इजाफा हुआ है। महीने की शुरुआत में ईंधन की मांग में थोड़ी कमी देखने को मिल रही थी, लेकिन जैसी ही कृषि गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई। इसकी मांग में फिर से तेजी देखने को मिली है। इस बात की जानकारी प्राथमिक इंडस्ट्री डाटा में निकलकर आई।

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फरवरी में कृषि गतिविधियों में तेजी रहने के कारण ईंधन की बिक्री अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन मार्च के शुरुआती दिनों में हल्की गिरावट देखने को मिली थी।

कितनी हुई पेट्रोल-डीजल की बिक्री

आंकड़ों के मुताबिक, सालाना आधार पर देखें तो पेट्रोल की बिक्री पिछले साल मार्च के मुकाबले 5.1 प्रतिशत बढ़कर 2.65 मिलियन टन है। मासिक आधार पर बिक्री में 3.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह तब हुआ है, जब फरवरी में पेट्रोल की बिक्री अपने उच्चतम स्तर पर थी।

डीजल की बिक्री भी पिछले साल की अपेक्षा 2.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और 6.81 मिलियन टन पर पहुंच गई है। पिछले साल मार्च में 6.67 मिलियन टन डीजल की बिक्री हुई थी। वहीं, मासिक आधार पर डीजल की मांग में 4.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

मार्च के शुरुआती दिनों में गिर गई बिक्री

मार्च के पहले 15 दिनों में पेट्रोल-डीजल दोनों की बिक्री में गिरावट देखने को मिली थी। पेट्रोल की बिक्री 1.4 प्रतिशत और डीजल की बिक्री में 10.2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी।

कोरोना के बाद 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई बिक्री

पेट्रोल की बिक्री मार्च 2021 के मुकाबले 16.2 प्रतिशत और मार्च 2020 के मुकाबले 43 प्रतिशत बढ़ चुकी है। वहीं, डीजल की बिक्री मार्च 2021 के मुकाबले 13.5 प्रतिशत और मार्च 2020 के मुकाबले 41.8 प्रतिशत बढ़ चुकी है।

LPG की बिक्री में हुई गिरावट

LPG की बिक्री में 3 प्रतिशत की गिरावट हुई है और मार्च में 2.37 मिलियन टन पर आ गई है। हालांकि, यह मार्च 2021 के मुकाबले 9 प्रतिशत और मार्च 2020 के मुकाबले 5.8 प्रतिशत है।

 


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