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    Old Monk वाले कपिल मोहन का जनरल डायर की कंपनी से मोहन मैनिक लिमिटेड तक का सफर

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Tue, 09 Jan 2018 05:22 PM (IST)

    ओल्ड मंक 1960 में ही लॉन्च हो चुकी थी लेकिन 1973 में जब कपिल मोहन ने कंपनी संभाली तो इसे नई पहचान मिली

    Old Monk वाले कपिल मोहन का जनरल डायर की कंपनी से मोहन मैनिक लिमिटेड तक का सफर

    नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश और दुनिया में मशहूर रम ब्रांड Old Monk को सफल बनाने वाले कपिल मोहन का निधन हो गया है। कपिल मोहन ने 6 जनवरी को अंतिम सांस ली। वो इस दुनिया से भले ही चले गए हों लेकिन उन्होंने अपने पीछे एक ऐसा नाम और इतिहास छोड़ा है जो कम ही लोगों को पता है।

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    दरअसल कपिल मोहन के लिए शराब का कारोबार नई चीज नहीं थी। इनके पिता एमएन मोहन भी शराब कारोबारी ही थे। उनके सफर की शुरुआत 1885 में हुई जब अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर के पिता ने हिमाचल के चमौली में शराब कंपनी खोली। आजादी के बाद यह कंपनी कपिल मोहन के पिता एएन मोहन ने खरीदी और यहां से शुरू हुआ मोहन मैनिक लिमिटेड का सफर।

    बिजनेस छोड़ चुनी सेना, मिला विशिष्ट सेवा मेडल

    पिता के इतर कपिल मोहन ने जवान होते ही भारतीय सेना जॉइन कर ली और देश की सेवा करते रहे। इसके लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल भी मिला और वो ब्रिगेडियर रहते सेना से रिटायर हुए। कपिल मोहन पीएचडी होल्डर थे।

    भाई की मौत के बाद संभाली कमान

    रिटायरमेंट के बाद कपिल मोहन के बड़े भाई वीआर मोहन का निधन हो गया है इसके चलते कपिल मोहन को कंपनी की बागडोर संभालनी पड़ी। वैसे ओल्ड मंक 1960 में ही लॉन्च हो चुकी थी लेकिन 1973 में जब कपिल मोहन ने कंपनी संभाली तो इसे नई पहचान मिली। कपिल मोहन के नेतृत्व में इस ब्रांड ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में तहलका मचाया और सन 2000 तक देश और दुनिया का सबसे मशहूर ब्लैक रम ब्रांड बना रहा।

    सरकार ने पद्म श्री से किया था सम्मानित

    सेना में विशिष्ट सेवा मेडल लेने वाले कपिल मोहन को व्यापार के क्षेत्र में मिली उपलब्धियों के चलते सरकार ने 2010 में पद्मश्री से सम्मानित भी किया था। उन्होंने अपने इस सफर में और भी कई डिस्टलरीज की स्थापना की।

    आए उतार चढ़ाव

    सन 2000 ओल्ड मंक दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम रही लेकिन इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कपिल मोहन को कुछ झटके भी लगे। इस साल कंपनी और परिवार को तब तगड़ा झटका लगा जब वीआर मोहन के बेटे और कपिल मोहन के भतीजे ने परिवार से अलग होते हुए कंपनी की लखनऊ स्थित फेसिलिटी पॉन्टी चड्ढा को बेच दी।

    इसके बाद ओल्ड मंक की सेल में गिरावट दर्ज होने लगी लेकिन फिर भी यह लोगों का पसंदीदा ब्रांड बनी रही। एक वक्त था जब इसकी हर रोज करीब 80 लाख बोतलें बिकती थी लेकिन धीरे-धीरे यह कम होने लगी। एक वक्त ऐसा भी आया जब यह अफवाह उड़ी की यह ब्रांड अब बाजार में नहीं आएगा। इसके बाद कपिल मोहन ने साफ किया यह ब्रांड उनके बीच बना रहेगा।

    दुनिया के कई देशों में आज भी बिकती है यह रम

    कपिल मोहन ने 2012 में अपने इस ब्रांड का प्रचार करना बंद कर दिया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं इसका विज्ञापन नहीं करूंगा, मैं चाहता हूं लोग इसे पिएं और बताएं यह कैसी है, यह इसका विज्ञापन होगा। आज ओल्ड मोंक रम की मांग भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी है। ओल्ड मोंक रम इस समय दुनिया के 50 से भी ज्यादा देशों में बिकती है।