Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एयरसेल मैक्सिस मामले में आरोपी बने पी चिदंबरम, समझें पूरा मामला

    By Praveen DwivediEdited By:
    Updated: Fri, 20 Jul 2018 02:17 PM (IST)

    सीबीआइ की इस चार्जशीट पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 31 जुलाई को संज्ञान लेगी

    एयरसेल मैक्सिस मामले में आरोपी बने पी चिदंबरम, समझें पूरा मामला

    नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एयरसेल मैक्सिस मामले में सीबीआइ ने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को भी आरोपी बनाया है। इससे पहले उनके बेटे कार्ति के अलावा 16 लोगों के नाम शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक इनमें कुछ रिटायर्ड और सेवारत सरकारी अधिकारियों के नाम शामिल हैं। सीबीआइ की इस चार्जशीट पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 31 जुलाई को संज्ञान लेगी। गौरतलब है कि चिदंबरम पर एफडीआई के लिए नियमों की अनदेखी कर एयरसेल-मैक्सिस कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एयरसेल मैक्सिस विवाद: टाइमलाइन

    • मैक्सिस मलेशिया की एक कंपनी है जिसका मालिकाना हक एक बिजनेस टॉयकून टी आनंद कृण्णन के पास है जिन्हें टैक नाम से भी जाना जाता है। टैक श्रीलंका की तमिल पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले एक मलेशियाई नागरिक है।
    • एयरसेल को सबसे पहले एक एनआरआई टॉयकून सी सिवसंकरन (सिवा) ने प्रमोट किया था, जो कि तमिलनाडु के मूल निवासी थे।
    • मार्च 2016: मलेशिया की फर्म मैक्सिस ने एयरसेल में 74 फीसद हिस्सेदारी खरीद ली।
    • 2007-2009: मैक्सिस पर कथित तौर पर सन डायरेक्ट में 742 करोड़ रुपये का निवेश करने का आरोप लगा, जो कि तात्कालीन टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन के भाई कलानिधि मारन की कंपनी थी।
    • अप्रैल 2011: शिवशंकरन ने सीबीआई से शिकायत की, आरोप लगाया कि दयानिधि मारन ने साल 2006 में उनपर दबाव बनाया कि वो अपनी कंपनी मैक्सिस को बेच दें।
    • अक्टूबर 2011: शिवशंकरन की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दयानिधि मारन के खिलाफ मामला दर्ज किया। एफआईआर में यह भी कहा गया कि कंपनी के मालिक कलानिधि मारन को एयरसेल-मैक्सिस डील के लिए 549 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें आगे कहा गया कि एस्ट्रो जो कि मैक्सिस की सहयोगी कंपनी है ने सन टीवी में 20 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए 629 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
    • अगस्त 2014: 29 अगस्त को सीबीआई ने मारन बंधुओं, मैक्सिस के मालिक टी आनंदा कृष्णन, मैक्सिस ग्रुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव राल्फ मार्शल और सन डायरेक्ट प्राइवेट लिमिटेड समेत चार कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
    • दिसंबर 2014: सीबीआई ने इस मामले के संबंध में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ की, जिसमें उनसे पूछा कि क्या वो एयरसेल में विदेशी निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने के लिए सक्षम थे, जबकि वो सिर्फ 600 करोड़ रुपये के निवेश को ही मंजूरी दे सकते थे। एयरसेल मैक्सिस डील 3500 करोड़ रुपये की थी।
    • अप्रैल 2015: एक अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दया निधि मारन, कलानिधि मारन एवं उनकी पत्नी कावेरी कलानिधि की 742.58 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर दी थी।
    • अगस्त 2015: 25 अगस्त को ईडी ने एयरसेल टेलीवेन्चर के साथ हुए 26 लाख रुपये के लेनदेन के संबंध में एएससीपीएल के दो निदेशकों को समन जारी किया। इस लेनदेन में कार्ति के संभावित लिंक की जांच की जा रही है।
    • दिसंबर 2015: कर अधिकारियों और ईडी ने कार्ति के कुछ बिजनेस परिसरों में छापेमारी की।
    • फरवरी 2016: ईडी ने इस मामले में अलग चार्जशीट दाखिल की जिसमें मारन बंधुओं, कावेरी कलानिधि और तीन अन्य लोगों के नाम शामिल किए, जिसमें दो कंपनियां भी शामिल थीं।
    • नवंबर 2016: 20 नवंबर को, न्यायाधीश ओपी सैनी की अध्यक्षता वाली विशेष सीबीआई अदालत ने आरोपों के संबंध में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
    • जनवरी 2017: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कृष्णन विशेष अदालत के समक्ष उपस्थित होने से बचना जारी रखते हैं तो एयरसेल के 2 जी लाइसेंस को रद्द भी किया जा सकता है।
    • फरवरी 2017: एक दिलचस्प घटनाक्रम में विशेष अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों की ओर से आरोपियों के खिलाफ सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
    • सितंबर 2017: 14 सितंबर कार्ति ने सीबीआई के समक्ष प्रस्तुत होने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप फरवरी में खारिज कर दिए गए थे।
    • अक्टूबर 2017: 4 अक्टूबर को कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई की ओर से जारीजारी समन को यह कहते हुए चुनौती दी कि इससे उनकी और उनके परिवार की छवि खराब हो जाएगी।
    • दिसंबर 2017: 1 दिसंबर को ईडी ने कार्ति और उनके अन्य करीबियों के परिसरों पर छापेमारी की।
    • जनवरी 2018: ईडी ने कार्ति के दिल्ली और चेन्नई स्थिति परिसरों पर छापेमारी की।
    • अप्रैल 2018: ईडी ने 10 अप्रैल को कार्ति का बयान दर्ज किया।
    • जून 2018: 5 जून को पी चिंदबरम ने ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए प्रस्तुत हुए। 12 जून को वो दूसरी बार ईडी के समक्ष प्रस्तुत हुए। 13 जून को ईडी की ओर से फाइल की गई चार्जशीट में पीएमएलए के सेक्शन 4 के अंतर्गत कार्ति की एजेंसी का नाम और चार अन्य लोगों का नाम शामिल किया गया। 4 जुलाई अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की गई और कार्ति को पहले से ही 10 जुलाई तक गिरफ्तारी से राहत मिली हुई थी।