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WPI Inflation : नवंबर में फिर भड़की महंगाई की आग, एक दशक के उच्‍च स्‍तर पर

थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में एक दशक के उच्चतम स्तर 14.23 प्रतिशत पर पहुंच गई जिसका मुख्य कारण खनिज तेल मूल धातु कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी है। वहीं इसी साल अक्टूबर में यह महंगाई दर 12.54 फीसदी थी।

By Sarveshwar PathakEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 03:11 PM (IST)
WPI Inflation : नवंबर में फिर भड़की महंगाई की आग, एक दशक के उच्‍च स्‍तर पर
नवंबर में 14 फीसद हुई थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति

नई दिल्ली, पीटीआइ: महंगाई ने पहले ही आम लोगों की हालत खराब कर रखी थी। वहीं, मंगलवार को आई रिपोर्ट के अनुसार अब थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में एक दशक के उच्चतम स्तर 14.23 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जिसका मुख्य कारण खनिज तेलों, धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी बढ़ोतरी है। अप्रैल से शुरू होने के बाद लगातार आठ महीने से थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति डबल डिजिट में बनी हुई है। इस साल अक्टूबर में महंगाई दर 12.54 फीसदी थी, जबकि नवंबर 2020 में यह 2.29 फीसदी थी।

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क्या है महंगाई का कारण

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर, मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। नवंबर में ईंधन और पावर बास्केट में मुद्रास्फीति बढ़कर 39.81 फीसद हो गई, जबकि अक्टूबर में यह 37.18 फीसद थी। खाद्य सूचकांक पिछले महीने के 3.06 फीसद की तुलना में दोगुने से अधिक बढ़कर 6.70 फीसद हो गया। रिव्यू करने वाले माह में कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति 91.74 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 80.57 प्रतिशत थी। वहीं, मैनूफैक्चर आइटम में अक्टूबर में 12.04 प्रतिशत की तुलना में 11.92 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 4.91 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो एक महीने पहले 4.48 प्रतिशत थी, क्योंकि खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी। वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति की बात करें तो यह भारतीय रिजर्व बैंक के कंफर्ट जोन में रही। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (+/- 2 प्रतिशत) पर रखने का आदेश दिया है।

इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्‍ट अदिति नैयर ने कहा कि नवंबर 2021 में डब्लूपीआई मुद्रास्फीति में 14.2 फीसद के नए उच्चतम स्तर पर स्पाइक एक झटके के रूप में आया है, विशेष रूप से अधिकांश गैर-प्रमुख श्रेणियों में मुद्रास्फीति दर अपेक्षा से बहुत अधिक है। अक्टूबर 2021 में 12.5 फीसद से नवंबर 2021 में डब्लूपीआई मुद्रास्फीति में बढ़कर 14.2 फीसद जाने का मुख्‍य कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि रहा। यह 1.7% की अवस्फीति से 4.9% की मुद्रास्फीति तक चला गया। खनिज, ईंधन और बिजली, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से कोर-डब्ल्यूपीआई चढ़ा है। केवल गैर-खाद्य वस्तुओं और विनिर्मित खाद्य उत्पादों ने नवंबर 2021 में साल-दर-साल मुद्रास्फीति में नरमी दर्ज की।


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