Move to Jagran APP

जानिए क्या होता है फ्लेक्सी फेयर, रेलवे इससे जल्द दे सकता है राहत

भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है

By NiteshEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 12:31 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:46 PM (IST)
जानिए क्या होता है फ्लेक्सी फेयर, रेलवे इससे जल्द दे सकता है राहत
जानिए क्या होता है फ्लेक्सी फेयर, रेलवे इससे जल्द दे सकता है राहत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रेल यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। रेलवे जल्द ही फ्लेक्सी फेयर में बदलाव कर सकता है। कुछ ट्रेनों में अस्थायी रूप से फ्लेक्सी फेयर योजना बंद भी की जा सकती है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए कई विकप्ल तैयार कर रेलमंत्री पीयूष गोयल को भेजा है। अब इस पर अंतिम फैसला रेलमंत्री को लेना है। खबरों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों के भीतर पीयूष गोयल इस बारे में घोषणा कर सकते हैं।

loksabha election banner

40 ट्रेनों को हटाने का विचार: रेलवे 40 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर से हटाने की तैयारी में है। इसके अलावा बाकी 102 ट्रेनों में यात्रा से 4 दिन पहले तक सीटों की बुकिंग पर फ्लेक्सी फेयर स्कीम के अंतर्गत 50 फीसद तक डिस्काउंट मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्लेक्सी फेयर स्कीम उन ट्रेनों से हटाया जा रहा है, जिनका उपयोग 50 फीसद है। फ्लेक्सी किराया स्कीम के तहत रेल किराया कई बार एयरलाइन टिकट से भी महंगा हो जाता है।

कैग कर चुका है आलोचना: फ्लेक्सी फेयर स्कीम पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे की कड़ी आलोचना की थी। 13 रूटों पर रेलवे और हवाई किराए की तुलना कर बताया था कि ट्रेन की अपेक्षा हवाई यात्रा करना सस्ता था। कैग ने यह भी बताया कि फ्लेक्सी फेयर योजना के दौरान (नौ सितंबर 2016 से 31 जुलाई 2017) प्रीमियम ट्रेनों में रेलवे को 2.40 करोड़ यात्री मिले जबकि इसके पहले (नौ सितंबर 2015 से 31 जुलाई 2016) 2.47 करोड़ यात्रियों ने ट्रेनों से यात्रा की।

क्या होता है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम?

भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है। इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है। ऐसा त्योहारी सीजन में ही होता है। वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती हैं तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं। अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था।

बता दें कि ट्रेन में फर्स्ट एसी और एग्जिक्यूटिव कैटेगरी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है। इसमें शुरुआत में पहली 10 फीसद सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होता है, इसके बाद प्रत्येक 10 फीसद बर्थ की बुकिंग के बाद किरायों में 10 फीसद की बढ़ोतरी कर दी जाती है। मांग के आधार पर इसमें अधिकतम 50 फीसदी तक किराया बढ़ता है।

सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम 50 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। वहीं थर्ड एसी के लिए यह सीमा 40 फीसद अधिक होती है। अन्य चार्जेस जैसे कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सेवा कर में बदलाव नहीं होता है। फ्लेक्सी फेयर स्कीम को 9 सितंबर, 2016 को 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतो (प्रीमियम सुपरफास्ट कैटिगरी) ट्रेनों के लिए लागू किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.