HAL Stake Sale: सरकार डिफेंस कंपनी एचएएल में बेचने जा रही हिस्सेदारी, 2450 रुपये होगी एक शेयर की न्यूनतम कीमत
Government to Sell HAL Stake via OFS एचएएल एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर की अग्रणी कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना 1940 में हुई थी। इसे दुनिया की सबसे पुरानी अग्रणी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से माना जाता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। HAL Stake Sale: सरकार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में 3.5 प्रतिशत तक हिस्सेदारी 2,450 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बेचेगी। दो दिवसीय बिक्री की ये पेशकश (OFS) संस्थागत निवेशकों के लिए गुरुवार को और रिटेल खरीदारों के लिए शुक्रवार को खुलेगी।
ओएफएस में 1.75 प्रतिशत या 58.51 लाख शेयरों का बेस इश्यू शामिल है। इसमें ओवर-सब्सक्रिप्शन को बनाए रखने का विकल्प भी शामिल है।
एचएएल में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
HAL ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है कि इस बिक्री में ओवर सब्सक्रिप्शन विकल्प का प्रयोग किया जा रहा है। बेस ऑफर साइज और ओवरसब्सक्रिप्शन विकल्प का हिस्सा बनने वाले इक्विटी शेयर, कंपनी के 3.50 प्रतिशत (1,17,03,563) इक्विटी शेयरों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
क्या है डील का प्राइस
2,450 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को करीब 2,800 करोड़ रुपये मिलेंगे। बीएसई पर एचएएल के क्लोजिंग शेयर मूल्य पर फ्लोर प्राइस लगभग 6.7 प्रतिशत की छूट पर है। बीएसई पर एचएएल का शेयर बुधवार को 0.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,625.20 रुपये पर बंद हुआ।
सरकार ने अपने 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले इक्विटी शेयरों की 1.75% हिस्सेदारी गैर-रिटेल निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा इश्यू के ओवरसब्क्राइब होने की स्थिति में 1.75% और हिस्सेदारी बेचने का भी विकल्प भी खुला हुआ है, यानी इस तरह कुल 3.5 फीसद हिस्सेदारी बेची जा सकती है।
डिफेंस कंपनी है एचएएल
सरकार के पास वर्तमान में एचएएल में 75.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो रक्षा मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) है। एचएएल ओएफएस से प्राप्त आय चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश कोष में जुड़ जाएगी।
सरकार ने अब तक सीपीएसई में विनिवेश और शेयर बाइबैक से 31,106.64 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सरकार ने पिछले महीने 65,000 करोड़ रुपये के बजट लक्ष्य के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश राजस्व का संशोधित अनुमान 50,000 करोड़ रुपये रखा था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)