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    India's GDP Data: अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों का असर, तीसरी तिमाही में 4.4 फीसद रही विकास दर

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Tue, 28 Feb 2023 05:56 PM (IST)

    India GDP Growth Rate फरवरी में मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान आरबीआई ने FY23 में जीडीपी वृद्धि के लिए अग्रिम अनुमान को 6.8 प्रतिशत तक कम कर दिया था। आरबीआई ने पहले कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत रहेगी।

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    Q3FY23 GDP Growth Recorded 4.4%, Check all details

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों को जारी कर दिया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 4.4 फीसद रिकॉर्ड की गई है। RBI ने भी इतनी ही ग्रोथ का अनुमान जारी किया था।

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    दिसंबर 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़ों की तुलना पिछली जुलाई-सितंबर तिमाही 2022 से करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने बहुत-सी चुनौतियां नजर आती हैं। आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जबकि अप्रैल-जून तिमाही (Q1) में भारत की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत आंकी गई थी। यह बात ध्यान देने वाली है कि जून 2022 तिमाही में जीडीपी में इतनी अधिक उछाल लो-बेस के चलते थी।

    FY2022-23 के लिए जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान

    सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने FY2022-23 के लिए जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी कर दिया है। आज सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत रह सकती है। जनवरी में जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, जीडीपी वृद्धि को 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत पर आंका गया था।

    दो अनुमानों के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि एसईईएस (दूसरे अग्रिम अनुमान) की गणना तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के लिए जीडीपी डेटा को शामिल करके की गई है। भारत की अर्थव्यवस्था सितंबर की तिमाही में साल-दर-साल 6.3% बढ़ी थी।

    2021-22 के अनुमान संशोधित

    इसके साथ ही सरकार ने FY2021-22 के भारत के आर्थिक विकास के संशोधित अनुमान भी जारी कर दिए गए हैं। एनएसओ ने 2021-22 के लिए जीडीपी के 8.7 प्रतिशत के पहले के अनुमान को संशोधित कर 9.1 प्रतिशत कर दिया है। मई 2022 में मंत्रालय द्वारा इसके 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

    आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक ने तीसरी और चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी के क्रमशः 4.4 प्रतिशत और 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। एशियाई विकास बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत कर दिया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 23 में देश की वृद्धि दर के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

    जीडीपी आंकड़ों की महत्वपूर्ण बातें

    पहली तीन तिमाही की विकास दर और आर्थिक गतिविधियों के पैमाने को देखते हुए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष की विकास दर सात फीसद रहने का अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष में सात फीसद की विकास दर के लिए चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में चार फीसद की बढ़ोतरी दर चाहिए और वित्त मंत्रालय को यह विकास दर आसानी से हासिल होने की उम्मीद है।

    मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी 40,18,584 करोड़ रुपए का रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जीडीपी 38,50,772 करोड़ रुपए का था। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही के मुकाबले जीडीपी में 7.7 फीसद की बढ़ोतरी रही।

    महंगाई को लेकर सतर्कता जरूरी

    देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने बताया कि फिलहाल विभिन्न आर्थिक पैमाने को देखते हुए आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान है, लेकिन अल-नीनो और भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए महंगाई को लेकर सतर्क रहना होगा और इस प्रकार की स्थिति में सप्लाई पक्ष को मजबूत करने के साथ मौद्रिक उपाए भी करने होंगे। फिलहाल महंगाई कम हो रही है और कोर औद्योगिक सेक्टर में जनवरी में 7.8 फीसद की बढ़ोतरी और पीएमआई मैन्यूफैक्चरिंग में लगातार विस्तार से चौथी तिमाही में आसानी से 4-4.1 फीसद की बढ़ोतरी दर हासिल कर ली जाएगी।

    मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक तीसरी तिमाही में जीडीपी में निजी खपत की हिस्सेदारी 61.6 फीसद रही जबकि दूसरी तिमाही में यह हिस्सेदारी 59.5 फीसद तो पहली तिमाही में 58.4 फीसद थी। निजी खपत बढ़ती जा रही है जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं। तीसरी तिमाही में जीडीपी में सरकारी खर्च की हिस्सेदारी 8.7 फीसद रही। दूसरी तिमाही में यह हिस्सेदारी 8.6 फीसद थी।

    आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही की तरह ही मैन्यूफैक्चरिंग में तीसरी तिमाही में भी गिरावट रही। तीसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 1.1 फीसद की गिरावट रही। दूसरी तिमाही में यह गिरावट 3.6 फीसद की थी। मुख्य रूप से सर्विस सेक्टर में अच्छी बढ़ोतरी रही। तीसरी तिमाही में कृषि की विकास दर 3.7 फीसद रही जबकि दूसरी तिमाही में कृषि की विकास दर 2.4 फीसद की थी। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक तीसरी तिमाही की विकास दर अनुमान के मुताबिक है