Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्‍वतंत्रता दिवस पर इफको ने किसानों को दिया तोहफा, घटाए खादों के दाम

    By Manish MishraEdited By:
    Updated: Fri, 16 Aug 2019 12:02 PM (IST)

    इफको ने डीएपी और एनपीके खादों के दाम 50 रुपये प्रति बोरी घटा दिए हैं। घटी हुई कीमतें गुरुवार से ही लागू हो गई हैं

    स्‍वतंत्रता दिवस पर इफको ने किसानों को दिया तोहफा, घटाए खादों के दाम

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खाद उत्पादक अग्रणी को-ऑपरेटिव इफको ने किसानों को उर्वरकों की कीमत में कमी का तोहफा दिया है। इफको ने डीएपी और एनपीके खादों के दाम 50 रुपये प्रति बोरी घटा दिए हैं। घटी हुई कीमतें गुरुवार से ही लागू हो गई हैं। इफको के एमडी यूएस अवस्थी ने एक ट्वीट के माध्यम से कीमतों में कटौती का एलान किया। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में इससे मदद मिलेगी, क्योंकि कीमतों में कमी किसानों की उत्पादन लागत को घटाएगी।’ 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अतिरिक्त इफको ने अपने एक बयान में कहा है कि वह किसानों के हित में अपनी खादों के दाम में निरंतर कटौती करता आया है। ताजा कटौती के बाद डीएपी के दाम प्रति बोरी 1,250 रुपये और एनपीके-1 (नाइट्रोजन फॉस्फेट पोटाशियम) की कीमत प्रति बोरी 1,200 रुपये हो गई है।

    दो महीने पहले ही इफको ने डीएपी की कीमत को प्रति बोरी 1,400 रुपये से घटाकर 1,300 रुपये करने का एलान किया था। साथ ही एनपीके-1 के दाम को 1,365 रुपये से घटाकर 1,250 रुपये प्रति बोरी किया गया था। अन्य उर्वरकों में एनपीके-2 का दाम पहले 1,375 रुपये से घटाकर 1,260 रुपये प्रति बोरी किया गया, जिसे अब 50 रुपये और घटाकर 1,210 रुपये प्रति बोरी किया गया है। इसी तरह एनपी (नाइट्रोजन फॉस्फेट) का दाम भी 1,065 रुपये से घटाकर दो महीने पहले 1,000 रुपये प्रति बोरी किया गया था, जिसे अब 950 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है।

    उर्वरक की एक बोरी 50 किलोग्राम की होती है। इफको करीब 35,000 सहकारी समितियों के जरिये पांच करोड़ किसानों तक खाद से लेकर अन्य कृषि सेवाएं पहुंचाती है। साल 2018-19 में इफको का राजस्व 27,852 करोड़ रुपये रहा था। इसके पांच उत्पादन संयंत्र हैं और यह 81.49 लाख टन उर्वरक का उत्पादन करती है।