Unlisted Shares के फेयर मार्केट वैल्यू नियमों में होगा बदलाव, निवेशकों पर ये होगा असर
Unlisted Shares में फेयर मार्केट वैल्यू को लेकर इनकम टैक्स बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। अगर ये संशोधन पास हो जाता है तो एक अप्रैल से लागू हो जाएगा। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आयकर विभाग जल्द अनलिस्टेड शेयरों की फेयर वैल्यू को पता लगाने को लेकर जल्द इनकम टैक्स एक्ट के नियमों में बदलाव कर सकता है। इसका उद्देश्य अनलिस्टेड शेयरों में एनआरआई निवेश पर टैक्स लगाना है।
इसके लिए फाइनेंस बिल 2023 में आईटी अधिनियम की धारा 56(2)(viib) में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है, जिसके अंतर्गत डीपीआईआईटी-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को छोड़कर अनलिस्टेड कंपनियों में विदेशी निवेश को टैक्स दायरे में लाया जा सके।
क्यों है संशोधन की जरूरत?
कर अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से बताया है कि संशोधन की आवश्यकता है, क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट और फेमा अनलिस्टेड कंपनियों पर टैक्स की कैलकुलेशन को लेकर अलग-अलग नियम हैं। सभी पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए फेमा के नियमों के अनुरूप बनाने के लिए इनकम टैक्स के नियम 11UA को फिर से निर्धारित किया जाएगा।
मौजूदा समय में लगता है एंजेल टैक्स
मौजूदा नियमों के मुताबिक, इन कंपनियों में फेयर मार्केट वैल्यू से अधिक पर केवल घरेलू निवेशकों द्वारा किए गए निवेश पर ही टैक्स लगाया जाता था। इसे सामान्य तौर पर एंजेल टैक्स (Angel Tax) भी कहा जाता है।
कब होगा लागू
बजट 2023 के अनुसार, में फेयर मार्केट वैल्यू से ऊपर के निवेश पर टैक्स लगेगा, चाहे निवेशक घरेलू हों या फिर विदेशी। जैसे ही ये बिल संसद से पास हो जाता है, उसके बाद एक अप्रैल से लागू हो जाएगा। हालांकि, निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले स्टार्टअप्स में निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा, जिन्हें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
रिटायर्ड आयकर अधिकारी अंकित जैन का कहना है कि सरकार फेमा मूल्यांकन दिशानिर्देशों के अनुरूप 11यूए के उप-नियम 2 के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मूल्यांकन पद्धति को निर्धारित करने के लिए आईटी अधिनियम के नियम 11यूए में संशोधन पर विचार कर सकती है।
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