Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कैश में लेनदेन करने वाले हो जाएं सावधान, आपको ये बातें पता होनी चाहिए

    By Sajan ChauhanEdited By:
    Updated: Sun, 28 Apr 2019 02:36 PM (IST)

    कोई भी व्‍यक्ति लोन या डिपॉजिट के तौर पर दूसरे व्‍यक्ति से 20000 रुपये या इससे अधिक नहीं ले सकता।

    कैश में लेनदेन करने वाले हो जाएं सावधान, आपको ये बातें पता होनी चाहिए

    नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत की जनसंख्‍या का अब सिर्फ एक छोटा हिस्‍सा ही बचा होगा जिसके पास बैंक अकाउंट न हो। इसके बावजूद, देश में कैश का इस्‍तेमाल सबसे ज्‍यादा किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कैश ट्रांजेक्‍शंस में काफी तेजी आई है। बड़ी बात यह है कि काले धन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कैश ट्रांजेक्‍शंस की सीमा तय की हुई है। उस सीमा से अधिक का नकद लेनदेन अवैध है। आइए, जानते हैं कि विभिन्‍न मदों में कैश लेनदेन की क्‍या सीमा तय की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो लाख लाख रुपये से अधिक नकद लेने पर है रोक: टैक्‍स एक्‍सपर्ट और इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइर बलवंत जैन के अनुसार, आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत कोई भी व्‍यक्ति किसी दूसरे व्‍यक्ति या संस्‍था से एक बार में दो लाख रुपये से अधिक की राशि नहीं ले सकता। इसका पालन न करने वालों पर 100 फीसद जुर्माना उस व्‍यक्ति पर लगाया जाएगा जिसने कैश में राशि स्‍वीकार की है। बैंकों और सरकार पर यह नियम लागू नहीं होता है।

    जमा या लोन के तौर पर 20,000 से ज्‍यादा नहीं ले सकते कैश: कोई भी व्‍यक्ति लोन या डिपॉजिट के तौर पर दूसरे व्‍यक्ति से 20,000 रुपये या इससे अधिक नहीं ले सकता। आयकर अधिनियम की धारा 269SS में इस बात का उल्‍लेख किया गया है। अगर आप किसी व्‍यक्ति से पैसे ले रहे हैं तो वह लोन और डिपॉजिट मिलाकर 20,000 रुपये या इससे अधिक नहीं होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर नितिन, राहुल से 6,000 रुपये का कर्ज, 9,000 रुपये जमा और 7,000 रुपये अग्रिम लेना चाहता है तो वह इसे नकद में नहीं ले सकता क्‍योंकि कुल राशि 22,000 रुपये है। इस तरह की पेमेंट उसे अकाउंट पेई बैंक ड्राफ्ट या इलेक्‍ट्रॉनिक क्लियरिंग के जरिए प्राप्‍त करनी होगी। इसके भी कुछ अपवाद हैं। उदाहरण के तौर पर सरकार या बैंकिंग कंपनी, पोस्‍ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव बैंक से प्राप्‍त पैसे।

    10,000 से अधिक कैश खर्च पर प्रतिबंध: आयकर अधिनियम की धारा 40A (3) के अनुसार किसी भी करदाता (कंपनी/फर्म) को एक दिन में 10,000 रुपये से अधिक नकद भुगतान पर रोक है। इससे अधिक कैश भुगतान को किसी व्यवसाय या अन्य पेशे की इनकम से डिडक्‍ट नहीं किया जा सकता है। इसलिए खरीदारी या अन्य खर्च नकद रूप में 10,000 रुपये के अंदर ही किए जा सकते हैं।

    प्रॉपर्टी खरीदने, डिपॉजिट और लोन के रूप में 20,000 रुपये से अधिक कैश लेने पर प्रतिबंध: आयकर अधिनियम की धारा 269SS के अनुसार, लोगों को 20,000 रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने के लिए एडवांस के तौर पर या लोन या डिपॉजिट के लिए लेने पर प्रतिबंध है। चेक के जरिए या इलेक्ट्रॉनिक रूप से या बैंक ट्रांसफर से प्रॉपर्टी की खरीद के लिए एडवांस में 20,000 रुपये से अधिक का भुगतान किया जा सकता है। अगर कृषि से आय वाले व्यक्ति ये लेनदेन करते हैं तो उनके लिए कोई सीमा नहीं है। यह सरकार या बैंक से मिलने वाली राशि पर लागू नहीं होता है। कोई अन्य रिसीवर जो लोन/डिपॉजिट/प्रॉपर्टी के लिए कैश लेता है तो उस बेची हुई राशि का 100 फीसद जुर्माना लग सकता है और 2 साल तक का कारावास भी हो सकती है।