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    Tax देनदारी को कम करने के लिए कर रहे हैं विकल्प की तलाश, HUF को अपनाकर कर सकते हैं बड़ी बचत

    Hindu Undivided Family (HUF) को आयकर अधिनियम 1961 के तहत एक अलग व्यक्ति का दर्जा दिया गया है। एचयूएफ का अलग पैन होता है और यह निवेश के साथ बीमा उत्पाद एवं सम्पत्ति आदि भी खरीद सकता है।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sat, 10 Dec 2022 09:23 PM (IST)
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    What is Hindu Undivided Family and its benifits (Jagran File Photo)

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश में कर प्रणाली व्यक्ति, कंपनियों, फर्म, संस्थाओं और एनजीओ सभी के लिए अलग- अलग तरीके से कार्य करती है। इनमें से हर एक की कर गणना के लिए एक भिन्न कर प्रणाली आयकर अधिनियम में है, जिसके आधार पर इनकी कर देनदारियों और छूट का निर्धारण किया जाता है। ऐसे ही आयकर अधिनियम में हिन्दू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Family -HUF) का प्रावधान है।

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    भारत में शुरू से हिन्दू समुदाय में अविभाजित परिवार का चलन रहा है। इसका उद्देश्य परिवार को साथ रखना और पारिवारिक व्यापार में सभी लोगों को शामिल करने का था, जिसका आज भी देश में बड़ी संख्या में परिवारों की ओर से पालन किया जाता है। समय के साथ सरकार ने भी इसे, आयकर में मान्यता दी और आज आयकर अधिनियम की धारा के तहत हिन्दू अविभाजित परिवार ((HUF) के लिए अलग से कर प्रणाली है और इसी आधार की इसके कर की गणना की जाती है।

    क्या होता है HUF?

    हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए कोई भी अलग से कानून नहीं है, लेकिन व्यहवार में होने के कारण इसे एक अलग व्यक्ति के रूप में आयकर अधिनियम 1961 में मान्यता मिली हुई है। इसका पैन कार्ड भी अलग से जारी किया जाता है।

    हिन्दू अविभाजित परिवार में उन्हीं लोगों को शामिल किया जाता है, तो एक ही परिवार के वंशज होते हैं। परिवार के सबसे बड़े सदस्य को कर्ता कहा जाता है और वह ही सभी सदस्यों के आधार पर फैसले लेता है। जब भी एचयूएफ के कर्ता का देहांत हो जाता है, तो फिर परिवार का बड़ा सदस्य (महिला या पुरुष) इसका कर्ता बन सकता है। परिवार में किसी सदस्य का जन्म होता है, तो फिर अपने इसका सदस्य बन जाता है। वहीं, अगर किसी महिला की शादी इस परिवार में होती है, तो वह भी इसका अपनेआप ही सदस्य बन जाती है। हालांकि, अगर एचयूएफ की बेटी की शादी होती है, तो फिर उसका पति हिस्सा नहीं होता है।

    क्या- क्या कर सकता है HUF?

    एचयूएफ को आयकर में एक व्यक्ति का दर्जा दिया जाता है। किसी आम व्यक्ति की तरह से व्यापार चला सकता है। आय अर्जित कर सकता है। शेयर, म्यूचुअल फंड, सोना- चांदी के गहने, सम्पत्ति आदि खरीद सकता है।

    HUF के फायदे

    एचयूएफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे एक आयकर में एक अलग व्यक्ति का दर्जा दिया गया है। एचयूएफ के पास परिवार के लोगों से अलग एक पैन कार्ड होता है। एचयूएफ से सदस्य को मिलने वाली राशि भी टैक्स मुक्त होती है, क्योंकि इस पर एचयूएफ की ओर से पहले से ही टैक्स का भुगतान कर दिया जाता है।

    एचयूएफ को आयकर की धारा 80सी के तहत भी छूट दी जाती है और यह पीपीएफ के साथ बीमा उत्पादों में भी निवेश कर सकता है।

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