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    Onion Price: किसानों नहीं रुलाएगा प्याज, केंद्रीय एजेंसियां करेंगी खरीदारी; सरकार ने जारी किया आदेश

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Wed, 08 Mar 2023 01:53 PM (IST)

    ऐसी खबरें थीं कि भारत के सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज 1-2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही थी। सरकार प्याज की गिरती कीमतों पर एक्शन मोड में आ चुकी है। किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकारी एजेंसियां सीधे उनसे खरीदारी करेंगी।

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    Govt agencies to Purchase onion from farmers amid prices crash

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: सरकार ने खरीद एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे खरीफ की फसल लाल प्याज की खरीद के लिए तुरंत बाजार में हस्तक्षेप करें और किसानों से सीधे प्याज खरीदें।। मंडियों में कीमतों में गिरावट की खबरों के मद्देनजर केंद्र ने ये फैसला किया है।

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    किसानों से प्याज खरीदने के लिए नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) को निर्देश दिया गया है। सरकार ने कहा है कि गिरती कीमतों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्याज की खरीद और भंडारण के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष है, जो मंदी के मौसम के दौरान आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू रखने के लिए एक बफर के रूप में काम करता है।

    नेफेड ने खोले 40 खरीद केंद्र

    कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार शाम एक बयान में कहा कि नेफेड ने पिछले दस दिनों में लगभग 4,000 टन प्याज सीधे किसानों से 900 रुपये प्रति 100 किलोग्राम से ऊपर की दर से खरीदा है। ऐसी खबरें थीं कि भारत के सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज 1-2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कम बिक रही थी। मंत्रालय के बयान के अनुसार, नेफेड ने 40 खरीद केंद्र खोले हैं, जहां किसान अपना स्टॉक बेच सकते हैं। किसानों को ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा।

    देश के दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाया जाएगा प्याज

    नेफेड ने खरीद केंद्रों से स्टॉक को दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोच्चि तक ले जाने की व्यवस्था की है। 2022-23 के दौरान प्याज का अनुमानित उत्पादन लगभग 318 लाख टन है, जो पिछले साल के 316.98 लाख टन के उत्पादन को पार कर गया है। फरवरी के महीने में लाल प्याज की कीमतों में गिरावट देखी गई, विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में, जहां प्याज का स्टैण्डर्ड रेट 500-700 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया। विशेषज्ञों ने कहा है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में प्याज कि फसल बहुत अच्छी हुई है, इसलिए नासिक के प्याज पर निर्भरता कम हो गई है।

    महाराष्ट्र में सबसे अधिक होता है प्याज का उत्पादन

    महाराष्ट्र लगभग 43 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ प्याज का प्रमुख उत्पादक है। मध्य प्रदेश 16 प्रतिशत और कर्नाटक तथा गुजरात प्याज के कुल राष्ट्रीय उत्पादन में लगभग 9 प्रतिशत योगदान करते हैं। पिछले साल नेफेड ने बफर स्टॉक के तौर पर 2.51 लाख टन रबी प्याज खरीदा था। बाद में समय पर और क्रमिक रूप से इसकी आपूर्ति की गई और सुनिश्चित किया गया कि कीमतें असामान्य रूप से न बढ़ें। सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संग्रहित प्याज पूरे देश में पहुंचाया गया था।

    कैसे होता है प्याज का भंडारण

    इस सीजन में भी 2.5 लाख टन बफर स्टॉक रखने का फैसला किया है। प्याज का भंडारण चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि अधिकांश स्टॉक खुले मैदानों में संग्रहित किया जाता है और इसकी अपनी चुनौतियां हैं।