Move to Jagran APP

सरकार जल्द ही बैंक बोर्ड ब्यूरो के पुनर्गठन को देगी मंजूरी, यह है वजह

बैंक बोर्ड ब्यूरो यानी BBB का दो साल का विस्तारित कार्यकाल पिछले महीने समाप्त हो गया है।इसलिए सरकार इसके पुनर्गठन को जल्द ही अंतिम रूप देगी। अप्रैल 2018 से BBB का नेतृत्व कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव बीपी शर्मा कर रहे हैं।

By Sarveshwar PathakEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 02:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 07:38 AM (IST)
सरकार जल्द ही बैंक बोर्ड ब्यूरो के पुनर्गठन को देगी मंजूरी, यह है वजह
सरकार जल्द ही बैंक बोर्ड ब्यूरो के पुनर्गठन को देगी मंजूरी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार जल्द ही बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB)के पुनर्गठन को अंतिम रूप देगी, क्योंकि इसका दो साल का विस्तारित कार्यकाल पिछले महीने समाप्त हो गया है। जबकि राज्य द्वारा संचालित बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष प्रबंधन के प्रमुख बीबीबी के लिए विस्तारित कार्यकाल 10 अप्रैल को समाप्त हो गया। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट की नियुक्ति समिति जल्द ही BBB के पुनर्गठन पर फैसला करेगी।

loksabha election banner

अप्रैल 2018 से बीपी शर्मा कर रहे थे BBB का नेतृत्व

अप्रैल 2018 से BBB का नेतृत्व कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव बीपी शर्मा कर रहे हैं। अन्य अंशकालिक सदस्य क्रेडिट सुइस की पूर्व एमडी वेदिका भंडारकर हैं। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व एमडी पी प्रदीप कुमार और रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के संस्थापक एमडी प्रदीप पी शाह भी सदस्य हैं।

नए BBB के कार्यभार संभालने के बाद होंगी नई नियुक्तियां

सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष और कुछ सदस्यों को बनाए रखना या पूरी तरह से नया बोर्ड रखना सरकार पर निर्भर करता है। वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में नई नियुक्तियां नए BBB के कार्यभार संभालने के बाद होंगी। बीबीबी के स्थायी सदस्य या पदेन सदस्य वित्तीय सेवा सचिव विभाग, सार्वजनिक उद्यम विभाग सचिव और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर हैं।

सरकार ने 2016 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) और राज्य के स्वामित्व वाले वित्तीय निदेशकों के साथ-साथ गैर-कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए सिफारिश करने के लिए प्रख्यात पेशेवरों और अधिकारियों के एक निकाय के रूप में BBB के गठन को मंजूरी दी थी। इसे सभी पीएसबी के निदेशक मंडल के साथ जुड़ने का काम भी सौंपा गया था, ताकि उनकी वृद्धि और विकास के लिए उपयुक्त रणनीति तैयार की जा सके।

इसके अलावा आवश्यकता के आधार पर समेकन पर एक रणनीति चर्चा तैयार करने के लिए कहा गया था। सरकार बैंक बोर्डों को अपनी व्यावसायिक रणनीति के पुनर्गठन के लिए प्रोत्साहित करना चाहती थी और उनके समेकन और अन्य बैंकों के साथ विलय के तरीके भी सुझाती थी। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष प्रबंधन के लिए चयन करना भी अनिवार्य है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.