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    Essar Group: ऊर्जा के क्षेत्र में होगा कायाकल्प, ये कंपनी भारत में करने जा रही है अरबों रुपये का निवेश

    By Sonali SinghEdited By: Sonali Singh
    Updated: Mon, 27 Feb 2023 02:23 PM (IST)

    Essar Group Green Hydrogen Energy Investment एस्सार समूह भारत और ब्रिटेन में अरबों रुपये का निवेश करने जा रही है। इसमें ऊर्जा क्षेत्र में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया जैसे उत्पादन शामिल है। यह परियोजना करीब पांच साल तक चलेगा। (जागरण फोटो)

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    Essar Group Low Carbon Energy Transition Projects, See Details Here

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Essar Group Green Hydrogen Energy Investment: भारत में कई बड़ी कंपनियां ग्रीन हाइड्रोजन और कार्बन उत्सर्जन पर ध्यान दे रही है।एस्सार समूह (Essar Group) यूके और भारत में ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश कर रही है। कंपनी के मुताबिक, ब्रिटेन और भारत में निम्न कार्बन ऊर्जा संक्रमण परियोजनाओं (low carbon energy transition projects) में 3.6 अरब डॉलर के निवेश किया जा रहा है, जिसमें अगले पांच साल में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया का उत्पादन किया जाएगा।

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    इसके अलावा, कंपनी ने ब्रिटेन में ऊर्जा संक्रमण केंद्र के निर्माण के लिए एस्सार एनर्जी ट्रांजिशन (ईईटी) के गठन की घोषणा भी की है।

    पांच साल के लिए है योजना

    ईईटी अगले पांच साल में कम कार्बन ऊर्जा संक्रमण परियोजनाओं की एक सीरीज का विकास कर रही है, जिसे चरणबद्ध तरीके से अपनाया जाएगा। इसमें कुल 3.6 अरब अमरीकी डालर का निवेश करने की योजना बनाई गई है। इसमें से 2.4 अरब अमरीकी डालर लिवरपूल और मैनचेस्टर में कंपनी की साइट पर निवेश किया जाएगा, जबकि 1.2 अरब अमरीकी डालर का निवेश भारत में किया जाएगा। अमोनिया भारत से भेजा जाएगा, जिसका इस्तेमाल यूके, यूरोप और विश्व स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

    हर साल होगा इतना उत्पादन

    कंपनी की परियोजनाओं में यूके में वर्टेक्स हाइड्रोजन ( Vertex Hydrogen) द्वारा अपनाई जा रही 1 गीगावाट ब्लू हाइड्रोजन परियोजना, यूके और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों पर लक्षित 1 GW ग्रीन अमोनिया सुविधा, और 1 मीट्रिक टन कम कार्बन जैव ईंधन विकसित करना शामिल होगा। ईईटी में एस्सार ऑयल यूके और वर्टेक्स हाइड्रोजन शामिल होगा, जो यूके के बाजार के लिए 1 गीगावाट (जीडब्ल्यू) ब्लू हाइड्रोजन विकसित कर रहा है। इसकी फॉलो-ऑन क्षमता 3.8 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है।