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    ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को मिलता है अकाल मृत्यु पर 7 लाख तक का बीमा कवर, जानें क्या है यह खास स्कीम

    By Abhishek PoddarEdited By:
    Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:47 AM (IST)

    EPFO अपने सदस्यों की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा कवर का लाभ भी देता है। ईपीएफओ की ईडीएलआइ यानी कि इंप्लाइज डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में सबस्‍क्राइबर की अकाल मृत्यु हो जाने पर उसके नॉमिनी को 7 लाख रुपये तक की इंश्योरेंस की रकम दी जाती है।

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    ईपीएफओ की ईडीएलआइ स्कीम में अकाल मृत्यु होने पर 7 लाख तक का बीमा कवर मिलता है

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा कवर का लाभ प्रदान करती है। ईपीएफओ की ईडीएलआइ यानी कि इंप्लाइज डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के तहत सबस्‍क्राइबर की अकाल मृत्यु हो जाने पर उसके नॉमिनी को 7 लाख रुपये तक की इंश्योरेंस की रकम प्रदान की जाती है। अगर कोई व्यक्ति ईपीएफओ सबस्‍क्राइबर है और उसने लगातार 12 महीने जॉब की है, तो अकाल मृत्यु होने पर उसके परिजन को इस बीमा राशि का फायदा दिया जाएगा। इसके तहत ईपीएफओ सबस्‍क्राइबर के परिवार को सात लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है। आपको बताते चलें कि, यह बीमा कवर उन लोगों को भी मिलता है, जिन्होंने एक साल के अंदर एक से ज्यादा संस्थानों में नौकरी की है। यह क्लेम कर्मचारी के परिवार वालों की तरफ से कर्मचारी की अकाल मृत्यु होने पर किया जा सकता है। ईडीएलआइ स्कीम में क्लेम करने वाला सदस्य कर्मचारी का नॉमिनी होना चाहिए। आपको बताते चलें कि, कोरोना के कारण मृत्यु होने पर भी इस बीमा कवर का लाभ मिलता है।

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    नहीं देना होता है कोई भी प्रीमियम

    इस इंश्योरेंस स्कीम का लाभ लेने के लिए, कर्मचारी को अलग से प्रीमियम के तौर पर कोई भी रकम नहीं चुकानी होती है, बल्कि इसके लिए योगदान नियोक्ता की तरफ से ही किया जाता है।

    क्लेम का तरीका

    अगर ईपीएफओ सदस्य की अकाल मृत्यु हुई है, तो उसका नॉमिनी या उत्तराधिकारी इस बीमा कवर के लिए क्लेम कर सकता है। यदि, क्लेम करने वाले की उम्र 18 साल से कम है, तो उसकी ओर से उसका अभिभावक इसके लिए क्लेम कर सकता है। क्लेम करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी की मृत्यु का सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से आवेदन करने वाले अभिभावक के प्रमाण पत्र और बैंक का विवरण देना जरूरी होता है।