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GST Collection: आर्थिक गतिविधियों में तेजी का असर, जीएसटी संग्रह 12 फीसद बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये

GST Collection in February 2023 फरवरी महीने में GST के संग्रह में इजाफा देखा गया। बीते महीने में 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक राजस्व आंकड़ा है। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghPublished: Wed, 01 Mar 2023 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 01 Mar 2023 06:40 PM (IST)
GST Collection: आर्थिक गतिविधियों में तेजी का असर, जीएसटी संग्रह 12 फीसद बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये
GST Collection in February 2023, See Collection Details and Growth Rate

नयी दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह फरवरी में 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इस दौरान घरेलू आर्थिक गतिविधियां तेज हो गईं और महंगी वस्तुओं पर होने वाले उपभोक्ता खर्च में तेजी आई है। हालांकि, यह जीएसटी संग्रह जनवरी के 1.58 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से कम है। 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा मासिक राजस्व आंकड़ा है।

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वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि फरवरी 2023 में 1,49,577 करोड़ रुपये का सकल जीएसटी राजस्व एकत्र किया गया, जो पिछले साल इसी महीने के जीएसटी राजस्व से 12 प्रतिशत अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि आमतौर पर फरवरी 28 दिन का महीना होता है, इसलिए जीएसटी राजस्व का संग्रह अपेक्षाकृत कम होता है।

किस मद में कितना रहा GST कलेक्शन

घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व 15 प्रतिशत अधिक था, जबकि माल के आयात से प्राप्त राजस्व पिछले साल इसी महीने की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक था। केपीएमजी इंडिया में इनडायरेक्ट टैक्स के जानकार अभिषेक जैन ने कहा कि यह घरेलू बाजार में बढ़ती आत्मनिर्भरता का संकेत देता है और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सकल जीएसटी राजस्व में से, केंद्रीय जीएसटी 27,662 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 34,915 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 75,069 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 35,689 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,931 करोड़ रुपये था। GST लागू होने के बाद से 11,931 करोड़ रुपये का उपकर संग्रह अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है।

इन वस्तुओं से ज्यादा GST की उम्मीद 

जानकारों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में पान मसाला और तंबाकू निर्माताओं के खिलाफ कर किए गए प्रवर्तन कार्रवाई से करों का अधिक संग्रह हो सकता है और इस तरह सेस पूल में योगदान दिया जा सकता है। इसके अलावा, भारतीय वाहन निर्माताओं ने वाहनों के लिए ठोस घरेलू बिक्री की सूचना दी, जिसने संग्रह को भी बढ़ावा दिया है। वहीं, माल के आयात से जीएसटी राजस्व सालन आधार पर कम होने की संभावना है।

फरवरी सहित लगातार 12 महीनों तक मासिक जीएसटी राजस्व 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा है कि सभी बड़े राज्यों ने पिछले साल के तुलना में 10 प्रतिशत से 24 प्रतिशत के बीच वृद्धि दर्ज की है, जो संकेत देता है कि आर्थिक विकास और अनुपालन में सुधार के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम मिल रहे हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 


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