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Card Cloning: कैसे होता है कार्ड क्लोनिंग, क्यों है ये खतरनाक, जानिए इस फ्रॉड से बचने के उपाय

Card cloning and skimming how to stay safe कार्ड क्लोनिंग के मामले यूं तो बहुत पहले से आ रहे हैं लेकिन कोरोना की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन में कार्ड क्लोनिंग बहुत तेजी से बढ़ा है और यह एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 05:15 PM (IST)
Card cloning fraud how you can keep your money safe

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कार्ड क्लोनिंग के मामले यूं तो बहुत पहले से आ रहे हैं, लेकिन कोरोना की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन में कार्ड क्लोनिंग बहुत तेजी से बढ़ा है और यह एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है। कार्ड क्लोनिंग की वजह से लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है। क्रेडिट कार्ड की बात करें तो क्लोनिंग या स्किमिंग में कोई फ्रॉड व्यक्ति आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी जैसे कार्ड नंबर, सीवीवी, पिन, एक्सपायरी डेट, नाम आदि जैसी जानकारी को एकत्रित करता है। इसके बाद उस जानकारी को नकली या फर्जी कार्ड पर कॉपी करता है और उसके बाद क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है।

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कैसे देते हैं कार्ड क्लोनिंग को अंजाम: कार्ड धारक को जानकारी न हो इसके लिए स्कैनिंग स्लॉट वाली डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। ये मशीन PoS मशीनों की जैसी दिखती है, जिसकी वजह से कार्ड होल्डर को भनक नहीं लगती और सेंध लग जाता है। फ्रॉड करने वाले डिवाइस के जरिए ग्राहकों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करते हैं। फ्रॉड के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इन मशीनों में ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं, जिसमें 3 हजार कार्ड तक की जानकारी रखी जा सकती है।

कार्ड की जानकारी स्कैन और कॉपी की जाती है और उसके बाद कार्ड का क्लोन बनाने के लिए किसी एक्सपायर्ड, खाली या चोरी हुए कार्ड पर कॉपी कर सकते हैं। क्लोन कार्ड की मदद से फ्रॉड करने वाला क्रेडिट कार्डधारक के बैंक अकाउंट से आसानी से लेन-देन कर लेता है।

कैसे करें बचाव: मालूम हो कि केंद्रीय बैंक RBI ने मैगस्ट्रिप कार्ड की जगह EMV चिप-बेस्ड कार्ड का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। ईएमवी कार्ड में माइक्रोचिप्स होती है। जब कोई इस कार्ड को स्कैन करने की कोशिश करता है तो सिर्फ एन्क्रिप्टेड जानकारी ही मिलती है।

सार्वजनिक स्थान पर कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त यह सुनिश्चित कर लें कि कैमरे तो नहीं लगा है, ताकि आपका कार्ड नंबर और कार्ड की अन्य जानकारी आदि किसी और के पास न जाने पाए। जब कभी भी पीओएस मशीनों में कार्ड पिन दर्ज करें उसे अपने हाथ से कवर करना चाहिए। अगर आप रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप या अन्य किसी जगह पर पीओएस मशीन से कार्ड स्वाइप कर रहे हैं तो मशीन को ठीक से देख लें। अगर मशीन सामान्य से अधिक भारी है तो किसी और तरह से पेमेंट करने पर विचार कीजिए।

अगर आपका कार्ड क्लोन हो जाता है और आपके बैंक से बार-बार कार्ड स्वाइप होने पर कोई जानकारी नहीं मिल रही है तो ऐसे में मंथली स्टेटमेंट से ही जानकारी एकत्रित कर सकते हैं। इसलिए बैंक से आने वाले अलर्ट पर ध्यान दें और समय-समय पर इसे देखते रहें। 


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