सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदाणी-हिंडनबर्ग जांच कमेटी में शामिल रहेंगे ये 6 नाम, इन अहम पदों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Thu, 02 Mar 2023 03:27 PM (IST)

    adani hindenburg supreme court decision अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने 6 सदस्यों वाली एक कमेटी के गठन का ...और पढ़ें

    Hero Image
    adani hindenburg supreme court decision 6 member committee, Pic Courtesy- Jagran File

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अदाणी-हिंडनबर्ग केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस केस की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन का फैसला सुनाया है। वहीं दूसरी ओर इस केस की जांच के सेबी भी करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेबी को अदाणी-हिंडनबर्ग मामले के लिए 2 महीने का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अदाणी-हिंडनबर्ग जांच कमेटी 6 सदस्यों को लेकर बनाई जा रही है। 6 सदस्यों की यह कमेटी अदाणी-हिंडनबर्ग मामले के कारण और बाजार पर इसके असर को जानने की कोशिश करेगी। इन 6 सदस्यों के नाम अपने आप में ही खास हैं।

    6 सदस्यों की कमेटी में शामिल नाम

    6 सदस्यों की इस कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस अभय मनोहर सप्रे करेंगे। इसके अलावा, इस कमेटी में ओपी भट्ट, न्यायमूर्ती जेवी देवधर, नंदन नीलेकणि, केवी कामथ और सोमे शेखर सुंदरेसन शामिल रहेंगे।

    अदाणी-हिंडनबर्ग जांच कमेटी की अध्यक्षता करेंगे रिटायर जस्टिस अभय मनोहर

    अभय मनोहर को अदाणी-हिंडनबर्ग जांच कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साल 1978 में अभय मनोहर बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में रजिस्टर्ड हुए थे। साल 1999 में प्रैक्टिस के साथ वे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एडिशनल जज के पद पर नियुक्त हुए।

    यही नहीं, अभय मनोहर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मणिपुर हाईकोर्ट के जज का भी कार्यभार संभाल चुके हैं। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए और ठीक पांच साल 2019 में रिटायर हो गए।

    इंफोसिस के को- फाउंडर नंदन नीलेकणि और ओपी भट्ट भी शामिल

    नंदन नीलेकणि का नाम इंफोसिस के को- फाउंडर के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा नंदन नीलेकणि का नाम आधार कार्ड, फास्टैग, यूपीआई जैसी टेक्नोलॉजी के लिए भी जाना जाता है।

    ओपी भट्ट बैंकिग सेक्टर का जाना माना नाम है। ओपी भट्ट 2006 से 2011 तक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन के पद का कार्यभार संभाल रहे थे। वर्तमान में ओपी भट्ट ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड, टाटा स्टील और हिंदुस्तान यूनिवर लिमिटेड बोर्ड के स्वतंत्र डायरेक्टर हैं।

    के वी कामथ भी कमेटी में शामिल सदस्य

    के वी कामथ ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक के पूर्व प्रमुख हैं। जबकि इससे पहले के वी कामथ इंफोसिस लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रह चुके हैं।

    वे आईसीआईसीआई बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष का भी कार्यभार संभाल चुके हैं।

    न्यायमूर्ती जेवी देवधर ने साल 1977 में बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। साल 1982 से यूनियन ऑफ इंडिया लॉयर हैं। इसके अलावा न्यायमूर्ती जेवी देवधर 1985 से आयकर विभाग के लॉयर भी रहे हैं। इस कमेटी के मेंबर सोम शेखर सुंदरेसन वाणिज्यिक कानून के जानकार के रूप में जाने जाते हैं।

     

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें