50% टैरिफ लागू, इन 5 सेक्टर्स की कंपनियों के बिजनेस और शेयरों पर होगा बड़ा असर, लगाया है पैसा तो जान लीजिए
भारतीय सामानों पर अमेरिका में 50 फीसदी आयात शुल्क लगने से 5 सेक्टर्स की कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। इन सेक्टर में प्रमुख रूप से टेक्सटाइल्स ऑटोमोबाइल डायमंड-ज्वैलरी एग्रीकल्चर और झींगा उद्योग शामिल हैं। हायर टैरिफ से कंपनियों को अमेरिका में डिमांड घटने का डर सता रहा है जिससे बिजनेस पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
नई दिल्ली। भारत से अमेरिका आयात (US Tariff on India) होने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। ऐसे में 5 बड़े सेक्टर्स की उन तमाम कंपनियों की चिंता बढ़ गई है जो अमेरिका को बहुत बड़ी संख्या में सामान एक्सपोर्ट करती हैं। इन सेक्टर में प्रमुख रूप से टेक्सटाइल्स, ऑटोमोबाइल, डायमंड-ज्वैलरी, एग्रीकल्चर और झींगा उद्योग शामिल हैं। इन 5 निर्यातक उद्योगों को 50 फीसदी टैरिफ से बड़ा झटका लगा है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाने वाले सामान से सबसे ज्यादा स्मॉल एंड मीडिया एंटरप्राइजेज से जुड़े हुए हैं, जिनकी भारत से अमेरिका (Tariff Impact on India) को होने वाले कुल निर्यात की हिस्सेदारी 45 फीसदी है। दरअसल, हायर टैरिफ के चलते इन सेक्टर की कंपनियों के मार्जिन और कम हो जाएंगे व कॉम्पीटिशन बढ़ने से उनके सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी होगी। ऐसे में कंपनियों की ग्रोथ में गिरावट के चलते शेयरों पर सीधा इसका असर देखने को मिलेगा।
इन शेयरों पर रखें नजर
टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री के बड़े नाम: वर्धमान टेक्सटाइल्स, वेल्सपन इंडिया, अरविंद फैशन प्राइवेट लिमिटेड, नितिन स्पीनर्स लिमिटेड, पर्ल ग्लोबल और गोकुलदास एक्सपोर्ट समेत कई शेयर शामिल हैं।
ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयर: भारत फोर्ज, सोना कॉमस्टार, सनसेरा इंजीनियरिंग लिमिटेड, सुपराजित इंजीनियरिंग, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स (JLR एक्सपोर्ट और आइशर मोटर्स जैसे शेयरों पर असर देखने को मिल सकता है।
डायमंड एंड ज्वैलरी सेक्टर के शेयर: टाइटन, कल्याण ज्वैलर्स, गोल्डियम इंटरनेशनल राजेश एक्सपोर्ट जैसे नाम शामिल हैं।
इसके अलावा, एग्रीकल्चर सेक्टर और झींगा उद्योग से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर भी 50 फीसदी टैरिफ के चलते बुरा असर देखने को मिल सकता है।
सेक्टर्स के लिए बड़ा सिरदर्द
दरअसल, अमेरिका में 50 फीसदी टैरिफ के चलते भारतीय कंपनियों द्वारा निर्यात किए जाने वाले सामान महंगे होंगे, जिसके चलते वहां डिमांड घटेगी। इसका नतीजा यह हो सकता है कि कंपनियों को भारत में उत्पादन घटाना होगा। इससे संबंधित सेक्टर्स प्रभावित होंगे और नौकरियां जाने का खतरा बढ़ सकता है।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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