टैरिफ दे रहा कोरोना जैसा मौका! FIIs ने निकाले 2 लाख करोड़, सस्ते भाव पर म्यूचुअल फंड वालों ने डाले 500000 करोड़
ट्रंप टैरिफ समेत अन्य चिंताओं के चलते इस साल विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 1.97 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 4.84 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं। जहां टैरिफ के चलते बाजार में विदेशी निवेशकों को डर का माहौल लग रहा है लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशक इसे कोरोना काल की गिरावट जैसा बड़ा मौका मानकर चल रहे हैं।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली चिंता का कारण बन चुकी है क्योंकि, 26 अगस्त को इक्विटी मार्केट में FIIs ने 6,517 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जो 20 मई के बाद से उनकी सबसे बड़ी बिकवाली है। टैरिफ के चलते बाजार में विदेशी निवेशकों को डर का माहौल लग रहा है लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशक इसे कोरोना काल की गिरावट जैसा बड़ा मौका मानकर चल रहे हैं, क्योंकि आंकड़े यही कहते हैं। एक्सचेंज के प्रोविजनल डेटा के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 8 अगस्त के बाद से 7060 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो उनका उच्चतम स्तर है।
कारोबारी सत्र के दौरान, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 44,147 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 50,663 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 22,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 14,940 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
करीब 2 लाख करोड़ की बिकवाली
इस साल विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में शुद्ध बिकवाली रहे हैं और उन्होंने 1.97 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 4.84 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं। 26 अगस्त को विदेशी निवेशकों की बिकवाली और यूएस टैरिफ की चिंता के चलते निफ्टी और सेंसेक्स अहम सपोर्ट लेवल से नीचे बंद हुए।
FMCG को छोड़कर सभी सेक्टर्स में गिरावट
26 अगस्त के कारोबारी सत्र में निफ्टी का सबसे बड़े लूजर शेयर, श्रीराम फाइनेंस, सनफार्मा, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, ट्रेंट रहे, जबकि आइशर मोटर्स, एचयूएल, मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया और आईटीसी बढ़त के साथ बंद हुए। मंगलवार के दिन सिर्फ एफएमसीजी सेक्टर में खरीदारी देखने को मिली, बाकी सब सेक्टर गिरावट के साथ बंद हुए।
बाजार के लिए अब आगे क्या
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा, "अमेरिकी पेनल्टी टैरिफ के कारण भारतीय बाजार में सतर्कता का माहौल है। वहीं, रुपये में लगातार गिरावट से दबाव और बढ़ रहा है, ऐसे में बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और हावी हो सकती है।
वहीं, एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट, रुपक डे ने कहा, "अगर निफ्टी50 24,850 से नीचे कारोबार करता है, तब तक इंडेक्स पर बिकवाली का दबाव बना रहने की संभावना है। वहीं, निफ्टी50 इंडेक्स 24,150 या उससे नीचे तक जा सकता है।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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