छंटनी के एलान के बाद TATA ग्रुप की इस कंपनी पर मंडराए संकट के बादल, 2 दिन में ₹28148 करोड़ का नुकसान
टीसीएस द्वारा 12 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा के बाद कंपनी के बाजार मूल्यांकन में 28148.72 करोड़ रुपये की कमी आई है। दो कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयर में 2.48 प्रतिशत की गिरावट आई। टीसीएस इस साल अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है। जून तिमाही में कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या में 5000 की वृद्धि की थी।

नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा अपने वैश्विक कार्यबल में 12 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी के एलान के बाद से कंपनी के बाजार मूल्यांकन में 28,148.72 करोड़ रुपये की कमी आई है। दो कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयर में 2.48 प्रतिशत की गिरावट आई है।
सोमवार को टीसीएस के शेयरों में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट आई थी। मंगलवार को एनएसई पर कंपनी का शेयर 0.72 प्रतिशत गिरकर 3,057 रुपये पर आ गया।
48 घंटे में हुआ 28,148.72 करोड़ रुपये का नुकसान
टीसीएस का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) दो दिनों में 28,148.72 करोड़ रुपये घटकर 11,05,886.54 करोड़ रुपये रह गया। देश की सबसे बड़ी सूचना-प्रौद्योगिकी कंपनी टीसीएस इस साल अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत या 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है।
30 जून, 2025 तक टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी। हाल ही में समाप्त जून तिमाही में इसने अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,000 की वृद्धि की।
सरकार की नजर में TCS
इस छटनी के ऐलान के बाद टाटा ग्रुप की यह कंपनी सरकार के निशाने पर भी आ गई है। सूत्रों ने अनुसार आईटी मंत्रालय पूरी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है। भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इस साल 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करेगे। यह बहुत बड़ा नंबर है। उसके वैश्विक कार्यबल का यह करीब 2% है। छंटनी का असर मध्यम और वरिष्ठ कर्मचारियों पर पड़ेगा।
कंपनी ने टाली 600 कर्मचारियों की जॉइनिंग
टाटा की टीसीएस कई कारणों से चर्चा में बनी हुई है। हाल ही में कंपनी ने 600 आईटी प्रोफेशनल्स की जॉइनिंग टाल दी थी। इस कदम से नाराज टेक प्रोफेशनल्स ने भारत सरकार से मदद मांगी है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि अनुभवी नए कर्मचारियों के आने का इंतजार 65 दिनों से ज़्यादा हो गया है। टीसीएस ने अपने हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता स्थित कार्यालयों से कई निष्क्रिय कर्मचारियों को हटाना शुरू कर दिया है। कंपनी ने अपने नए निर्देश को लागू करते हुए कहा है कि जिन कर्मचारियों को नियुक्त नहीं किया गया है, उन्हें 35 दिनों के भीतर प्रोजेक्ट हासिल करने होंगे, वरना उन्हें नौकरी छोड़नी होगी।
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