SEBI का Pre-IPO प्लेटफार्म: गैर-सूचीबद्ध शेयरों में पारदर्शिता और ईएसओपी निवेशकों के लिए मौका
SEBI जल्द लॉन्च कर रहा है Pre-IPO ट्रेडिंग प्लेटफार्म जो गैर-सूचीबद्ध शेयरों में पारदर्शिता बढ़ाएगा। यह ईएसओपी धारकों और खुदरा निवेशकों के लिए शेयरों की खरीद-बिक्री आसान और सुरक्षित बनाएगा। नए प्लेटफार्म से IPO से पहले तरलता बढ़ेगी और ग्रे मार्केट के जोखिम कम होंगे जिससे निवेशकों के लिए एक नियमित और भरोसेमंद वातावरण बनेगा।
नई दिल्ली| कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) एक नियमित प्री-आईपीओ ट्रेडिंग प्लेटफार्म (pre-IPO trading) पेश करने की योजना बना रहा है। यह निवेशकों के लिए गैर-सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री के तरीके को बदल सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्लेटफार्म से लंबे समय से अस्पष्ट ग्रे मार्केट द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और खुदरा निवेशकों के लिए जोखिम कम होगा। यह प्लेटफार्म कर्मचारी स्टाक आप्शन (ईएसओपी) पाने वाले कर्मचारियों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
प्लानिफाई के संस्थापक और सीईओ राजेश सिंगला का कहना है कि आज ईएसओपी का एक बड़ा हिस्सा अनुपयोगी रह जाता है क्योंकि कर्मचारियों के पास आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से पहले तरलता विकल्पों तक पहुंच नहीं होती है। सेबी के प्रस्तावित योजना से उन्हें अंतत: एक नियमित वातावरण में अपने शेयरों को बेचने का मौका मिल सकेगा।
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सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बीते शुक्रवार को प्री-आइपीओ शेयर ट्रेडिंग के लिए एक नियमित प्लेटफार्म पेश करने के संकेत दिए। यदि यह कदम लागू होता है तो यह निवेशकों को आवंटन और लिस्टिंग के बीच तीन दिन के समय में पारदर्शी वातावरण में शेयरों की ट्रेडिंग की अनुमति दे सकता है।
SEBI की निगरानी में पारदर्शी लेनदेन होगा सक्षम
विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित प्लेटफार्म एक ऐसे खंड में संरचना और निगरानी लाएगा, जो अब तक औपचारिक निगरानी के बाहर संचालित होता रहा है। सिंगला ने कहा कि एक नियामित प्लेटफार्म परिभाषित मानकों और सीमाओं को स्थापित करेगा, बाजार की विसंगतियों को कम करेगा और सेबी की निगरानी में पारदर्शी लेनदेन को सक्षम करेगा।
आनंद राठी वेल्थ के संयुक्त सीईओ फराज अजीज ने कहा कि यह प्रस्ताव प्री-आईपीओ ट्रेडों को एक पारदर्शी इकोसिस्टम में स्थानांतरित करके ग्रे मार्केट की गतिविधियों को काफी हद तक कम कर सकता है।
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पारदर्शिता के अलावा यह प्लेटफार्म निवेशकों को कंपनियों का अधिक सटीक मूल्यांकन करने में मदद करेगा, जिससे निवेशक अधिक आत्मविश्वास के साथ लेनदेन करने में मदद करेंगे। इससे खुदरा भागीदारी बढ़ सकती है जो धोखाधड़ी और मूल्य में हेरफेर के जोखिमों के कारण सीमित रही है।
2024 में 337 कंपनियां आईपीओ लेकर आई थीं
भारत का बढ़ता IPO बाजार भी ऐसे प्लेटफार्म की जरूरत को और मजबूत बनाता है। वर्ष 2024 में 337 कंपनियां आईपीओ लेकर आई थीं। इसमें से 91 मुख्य प्लेटफार्म और 241 एसएमई प्लेटफार्म सूचीबद्ध हुए थे। इन आइपीओ से कंपनियों ने करीब 1.67 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। इन आइपीओ का औसत लिस्टिंग लाभ 29 प्रतिशत था।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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