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    ONGC के साथ क्या हो रहा है? अपने वैल्यूएशन से एक-तिहाई संपत्ति फिर क्यों HAL, Titan और Zomato से छूटी पीछे

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 06:05 PM (IST)

    सरकारी कंपनी ओएनजीसी का मूल्यांकन जोमैटो से भी कम हो गया है, जबकि इसकी सहायक कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है। 2012 में सबसे मूल्यवान कंपनी होने के बावजूद, इसका मार्केट कैप अन्य कंपनियों की तुलना में कम बढ़ा है। विश्लेषकों का मानना है कि ओएनजीसी के विविध पोर्टफोलियो का सही मूल्यांकन नहीं हुआ है, और पुनर्मूल्यांकन से निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है।

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    सरकारी कंपनी (PSU) ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) की वैल्यू लगभग 3.10 लाख करोड़ रुपये है और इस लिहाज से यह अब फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो से पीछे है। ऐसा इस तथ्य के बावजूद है कि ONGC की अनुषंगी कंपनियों और अन्य निवेश में हिस्सेदारी इसके मार्केट कैप के एक तिहाई से अधिक है।

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    इससे पता चलता है कि भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी का वैल्युएशन शायद कम किया गया है। BSE के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को कारोबार बंद होने पर ONGC का मार्केट वैल्युएशन 3.097 लाख करोड़ रुपये था।

    यह आंकड़ा इटर्नल लिमिटेड (जिसे पहले जोमैटो के नाम से जाना जाता था) के 3.36 लाख करोड़ रुपये के वैल्युएशन से कम है। साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (3.23 लाख करोड़ रुपये) और टाइटन कंपनी (3.13 लाख करोड़ रुपये) का वैल्युएशन भी ONGC से ज्यादा है।

    ONGC 2012 में 2.44 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ भारत की सबसे वैल्युएबल कंपनी थी। उस समय यह आईटी कंपनी टीसीएस और ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से आगे थी।

    पिछले 13 सालों में ONGC का मार्केट कैप केवल 26 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि अन्य लिस्टेड कंपनियों ने भारी उछाल देखा है। रिलायंस का वैल्युएशन जुलाई, 2012 के 2.43 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर शुक्रवार को 18.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

    इसी तरह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मार्केट कैप जुलाई, 2012 के 2.42 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अब 10.95 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

    मार्केट कैप क्या होता है?


    किसी लिस्टेड कंपनी का मार्केट कैप उसके सभी शेयरों के कुल मार्केट मूल्य के बराबर होता है। BSE के आंकड़ों के अनुसार, ONGC मार्केट कैप के हिसाब से 25वें स्थान पर है।

    विश्लेषकों का कहना है कि मार्केट ने ONGC के विविध पोर्टफोलियो के मूल्य का पूरी तरह से आकलन नहीं किया है, जिसमें विदेशी निवेश फर्म ONGC विदेश, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और अन्य रणनीतिक परिसंपत्तियों में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी शामिल है।

    ONGC की एमआरपीएल में 71.63 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में इसकी 54.9 प्रतिशत हिस्सेदारी लगभग 52,770 करोड़ रुपये की है।

    ONGC की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में 14.20 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 31,000 करोड़ रुपये है। इसकी गेल (इंडिया) लिमिटेड में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य लगभग 5,900 करोड़ रुपये है। मार्केट पर नजर रखने वालों का कहना है कि ONGC के वैल्युएशन का फिर से आकलन करने से इसमें वृद्धि हो सकती है। इससे निवेश का वास्तविक मूल्य पता चलेगा और निवेशकों का विश्वास मजबूत होगा।