GST और GDP जैसी अच्छी खबरों पर भी नहीं चल रहा शेयर बाजार, तेजी को लेकर कहां फंसा है पेंच, एक्सपर्ट से समझें
बाजार एक्सपर्ट्स मार्केट में ऊपरी स्तरों से बार-बार आ रही गिरावट की अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वॉर को मानते हैं। ऐसे में जब तक भारत व अमेरिका में ट्रेड डील नहीं होती है तब तक मार्केट में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है। हालांकि जीएसटी दरों में कटौती के बाद माँग में सुधार की उम्मीदों के चलते ऑटो और सहायक कंपनियों के शेयरों में तेजी जारी रही।

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में कंसोलिडेशन (Consolidation in Share Market) का दौर जारी है। इस वजह से मार्केट सुबह बढ़त के साथ खुलते हैं और एक रेंज में ट्रेड करने के बाद गिरावट के साथ बंद हो जाते। यह सिलसिला 8 सितंबर को भी जारी रहा, जब बाजार ने दिन की सारी बढ़त आखिरी 30 मिनट में गंवा दी। सवाल है कि बेहतर जीडीपी डेटा, कम महंगाई और जीएसटी सुधारों (GDP Data & GST Reforms) के बावजूद बाजार चलने को तैयार क्यों नहीं है? एक्सपर्ट्स इसकी वजह अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वॉर को मानते हैं, जब तक भारत व अमेरिका में ट्रेड डील नहीं होती है तब तक मार्केट में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है।
दो दिन पहले जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश की और पीएम मोदी को महान नेता बताया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमेरिका को ग्लोबल पार्टनर कहते हुए दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने की बात कही। इसके बाद 8 सितंबर को बाजार में बड़ी तेजी की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि, मार्केट हल्की तेजी के साथ खुले लेकिन आखिरी वक्त में सारी बढ़ गंवा दी। हालांकि, बाजार हरे निशान के साथ बंद हुआ।
मार्केट में गिरावट की बड़ी वजह
बाजार में 8 सितंबर को आई गिरावट की बड़ी वजहों में आईटी शेयरों में निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली रही। क्योंकि, ब्याज दरों को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी को लेकर निवेशक सतर्क हो गए हैं। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली भी बाजार पर दबाव बना रही है।
दिन के कारोबार में 400 अंक चढ़ने के बाद सेंसेक्स 76.54 अंक या 0.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80,787.30 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 32.15 अंक या 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,773.15 पर बंद हुआ। ऐसे में निफ्टी50 के लिए 24800-850 का स्तर बड़ा रेजिस्टेंस बना हुआ है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में हेड ऑफ रिसर्च, विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाज़ार अपनी शुरुआती बढ़त बरकरार नहीं रख पाए क्योंकि सत्र के आखिर में हुई बिकवाली ने "गिरावट पर खरीदारी, तेजी पर बिक्री" की सोच को बरकरार रखा। जीएसटी दरों में कटौती के बाद माँग में सुधार की उम्मीदों के चलते ऑटो और सहायक कंपनियों के शेयरों में तेजी जारी रही, जबकि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आईटी क्षेत्र कमजोर रहा।"
ऑटो शेयरों में रही तेजी
शेयर बाजार में 8 सितंबर को ऑटो शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिली। खासकर, टाटा मोटर्स, एम एंड एम, बजाज ऑटो, आइशर मोटर्स जैसे शेयर 4 फीसदी तक उछल गए। वहीं, ट्रेंट, एशियन पेंट्स, नेस्ले और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस समेत अन्य शेयरों में गिरावट हावी रही।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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