सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    BSE का बड़ा कदम, अब 10 करोड़ से अधिक ऑर्डर मैसेज होने पर लगेगा चार्ज; पढ़ें पूरी खबर

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 03:34 PM (IST)

    बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने ब्रोकर स्तर पर प्रतिदिन होने वाले फ्री ऑर्डर मैसेज के लिए 10 करोड़ की सीमा लगाने का प्रस्ताव दिया है। बीएसई की ओर से ...और पढ़ें

    Hero Image

    आईएएनएस, नई दिल्ली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने बड़ा फैसला लिया है। बीएसई की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया कि ब्रोकर स्तर पर प्रतिदिन होने वाले फ्री ऑर्डर मैसेज के लिए 10 करोड़ की सीमा लगाई जाएगी।

    एक्सचेंज के मुताबिक, इस सीमा से अधिक ऑर्डर मेसेज होने पर चार्ज लिया जाएगा। इसका उद्देश्य ब्रोकर स्तर पर दक्षता से ऑर्डर फ्लो को मैनेज करना है।

    बीएसई की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया कि वह ब्रोकर के डेली ऑर्डर मैसेज की संख्या को मॉनिटर करेगी और इसके 10 करोड़ के पार निकलने पर चार्ज लगाएगा। ऑर्डर मैसेज उस डिजिटल कम्युनिकेशन को कहा जाता है. जिसमें ब्रोकर एक्सचेंज पर खरीद और बिक्री के मैसेज भेजता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कितना लगेगा चार्ज?

    बीएसई ने बताया कि 10 करोड़ की सीमा पार होने के बाद प्रति नए मेसेज पर 0.0025 का चार्ज लगाया जाएगा, जिसका मतलब यह है कि एक्सचेंज हर अतिरिक्त 10 करोड़ ऑर्डर पर 2.50 रुपए बसूलेगा।

    निगरानी के उद्देश्य से, इक्विटी कैश सेगमेंट में ब्रोकर द्वारा दिए गए सभी ऑर्डर संदेशों, जिनमें ऐड, मॉडिफाई और डिलीट ऑर्डर शामिल हैं, को गिना जाएगा, जिसमें ऑड-लॉट ऑर्डर भी शामिल हैं। हालांकि, सेटलमेंट ऑक्शन ऑर्डर को कैलकुलेशन से बाहर रखा जाएगा।

    सर्कुलर के मुताबिक, प्रत्येक कैलेंडर माह में ब्रोकर द्वारा सीमा उल्लंघन के पहले मामले में शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन महीने में दूसरी बार ऐसा होने पर शुल्क निर्धारित दरों के मुताबिक वसूला जाएगा।

    बीएसई 1 जनवरी, 2026 से ब्रोकरों के साथ दैनिक फाइलें साझा करना शुरू कर देगा, जिनमें कुल ऑर्डर संख्या का विवरण होगा। 15 जनवरी, 2026 से, इन फाइलों में उल्लंघन होने पर लागू शुल्क भी शामिल होंगे। शुल्क प्रतिदिन आधार पर लगाए जाएंगे और नियमित मासिक बिलिंग चक्र के माध्यम से वसूल किए जाएंगे।

    इस ढांचे को 1 जनवरी, 2026 से लागू करने का प्रस्ताव है। सुचारू रूप से परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए, कार्यान्वयन के पहले महीने (1-31 जनवरी, 2026) के दौरान कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रस्तावित ढांचे के अनुसार, वास्तविक शुल्क फरवरी 2026 से लागू होंगे।

    (आईएएनएस इनपुट के साथ)

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें