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    इस स्कीम के तहत PF पर मिलता है बिना प्रीमियम दिए 7 लाख रुपये तक का बीमा, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी

    By NiteshEdited By:
    Updated: Thu, 17 Feb 2022 09:07 AM (IST)

    edli scheme detail अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये ही काउंट होगी फिर चाहे कर्मचारी का वास्तविक बेसिक वेतन कितना ही ज्यादा क्यों न हो। EDLI स्कीम में क्लेम के पैसों का भुगतान एकमुश्त होता है। EDLI में इंप्लॉई को कोई रकम नहीं देनी होती है।

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    What is Employees Deposit Linked Insurance Scheme

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कर्मचारी जमा लिंक बीमा (EDLI) योजना, 1976 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन EPFO) की ओर से संचालित सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। EPFO के सभी सब्सक्राइबर्स/सदस्य कर्मचारियों के लिए 7 लाख रुपये तक का फ्री बीमा रहता है। EDLI स्कीम के तहत क्लेम, मेंबर इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से इंप्लॉई की किसी बीमारी से मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जा सकता है। EDLI स्कीम का कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार के लिए भी है, जिन्होंने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो। इस जीवन बीमा लाभ के अलावा, ईडीएलआई योजना की कुछ अन्य विशेषताएं भी हैं जो एक पीएफ खाताधारक को पता होनी चाहिए।

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    कंपनी की ओर से कितना योगदान

    EDLI स्कीम में केवल कंपनी की ओर से प्रीमियम जमा होता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसद होता है। अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये ही काउंट होगी, फिर चाहे कर्मचारी का वास्तविक बेसिक वेतन कितना ही ज्यादा क्यों न हो। EDLI स्कीम में क्लेम के पैसों का भुगतान एकमुश्त होता है। EDLI में इंप्लॉई को कोई रकम नहीं देनी होती है। इसमें केवल कंपनी की ओर से योगदान होता है।

    न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये

    अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो कवरेज के मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे लाभार्थी होंगे। EDLI योजना के तहत, यदि मृतक सदस्य अपनी मृत्यु से 12 महीने पहले लगातार रोजगार में था, तो न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये है। इस योजना में पीएफ सदस्यों का ऑटो नामांकन होता है। इस योजना के तहत लाभ सीधे नामांकित व्यक्ति के बैंक खाते, या कर्मचारी के कानूनी उत्तराधिकारी से जुड़े होते हैं। ईपीएफ खाताधारक की मृत्यु के मामले में, इन्हें सीधे लिंक किए गए बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

    क्लेम कैसे करें?

    कर्मचारी की मौत के नॉमिनी को क्लेम के लिए फॉर्म-5 IF जमा करना होता है, जिसे नियोक्ता (एंप्लॉयर) सत्यापित करता है। अगर नियोक्ता उपलब्ध नहीं है तो फिर मजिस्ट्रेट, गजटेड अधिकारी, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड द्वारा वैरीफाई किया जाएगा।