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    VPF vs PPF: रिटायरमेंट के लिए किसमें निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद, किस पर मिलेगा ज्यादा ब्याज, जानिए

    By NiteshEdited By:
    Updated: Thu, 26 Aug 2021 07:58 AM (IST)

    VPF vs PPF रिटायरमेंट प्लानिंग हर किसी के लिए जरूरी है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके भविष्य के सुनहरे सपनों को साकार करता है। लेकिन मन चाहा रिटायरमेंट फंड पाने के लिए समझदारी से निवेश करना आवश्यक है।

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    VPF vs PPF Which is better for long term wealth creation

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिटायरमेंट प्लानिंग हर किसी के लिए जरूरी है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके भविष्य के सुनहरे सपनों को साकार करता है। लेकिन मन चाहा रिटायरमेंट फंड पाने के लिए समझदारी से निवेश करना आवश्यक है। बाजार में कई निवेश उत्पाद उपलब्ध हैं जैसे कि म्यूचुअल फंड, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) आदि। लेकिन दो प्रोडक्ट जो दीर्घकालिक निवेशकों के साथ बेहद लोकप्रिय हैं, वे हैं स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)। एक्सपर्ट कहते हैं कि नौकरी लगने के बाद से ही रिटायरमेंट फंड को लेकर बचत शुरू कर देनी चाहिए। सेविंग जितना जल्द शुरू होगी, उतना ही बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार होगा।

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    Voluntary Provident Fund (VPF)

    VPF स्वैच्छिक भविष्य निधि है, इसलिए इसमें निवेश करना कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर करता है। निवेश और टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन ने कहा, इस योजना में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी व डीए की 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में जमा करानी होती है। उन्होंने कहा, 'VPF में किए गए अंशदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। EPF की तरह VPF पर भी EEE (एक्जेम्ट, एक्जेम्ट, एक्जेम्ट) का लाभ मिलता है। VPF में 8.5 फीसद ब्याज मिल रहा है। अगर निवेशक एक साल में 1.5 लाख रुपये की राशि VPF में जमा करते हैं तो इससे हासिल ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर ब्याज में छूट का लाभ मिलता है।'

    Public Provident Fund (PPF)

    पीपीएफ सरकार द्वारा समर्थित निवेश योजना है। निवेश और टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन कहते हैं कि इस योजना में मैच्योरिटी राशि और ब्याज आय कर मुक्त होती है। इस समय पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसद है। यह एक जोखिम मुक्त निवेश विकल्प है। रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए इसमें निवेश करना बेहतर है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

    EPF पर मिलने वाले ब्याज की दर हर साल बदलती है। बलवंत जैन कहते हैं, 1 अप्रैल 2021 से EPF में एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख से ज्यादा के कर्मचारी के अंशदान पर जो राशि ब्याज के तौर पर आएगी वो टैक्सेबल है। उल्लेखनीय है कि VPF में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। उससे पहले की निकासी पर आपको VPF पर अर्जित ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। मसलन, अगर 4 लाख का योगदान है, तो 2.5 लाख कर मुक्त इसके बाद डेढ़ लाख पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा।

    दोनों में कौन है बेहतर

    बलवंत जैन ने कहा कि वेतनभोगी लोगों को रिटायरमेंट के लिए VPF में निवेश करना चाहिए। जैन के मुताबिक VPF पर PPF की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है।

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