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    एफडी तुड़वाने से बेहतर है FD Loan लेना, यहां जानें क्यों है फायदे का सौदा

    Loan Against FD सिक्योर निवेश के लिए एफडी काफी अच्छा ऑप्शन है लेकिन जब भी आपात स्थिति में पैसों की जरूरत होती है तो कई लोग एफडी तुड़वा लेते हैं। मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने से निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नुकसान से बचने के लिए एफडी लोन काफी अच्छा ऑप्शन है। आइए जानते हैं कि जरूरत के समय हमें कौन-सा ऑप्शन सेलेक्ट करना चाहिए।

    By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 23 May 2024 01:55 PM (IST)
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    एफडी तुड़वाने से बेहतर है FD Loan लेना

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। FD as Collateral for Loan: फिकस्ड डिपॉजिट निवेश का सिक्योर ऑप्शन है। कई लोग निवेश के लिए एफडी तो करवाते हैं पर जब उन्हें अचानक पैसों की जरूरत होती है तो वह मैच्योरिटी से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तुड़वा लेते हैं। इससे उन्हें नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।

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    दरअसल, मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने पर ब्याज भी कम मिलता है और पेनल्टी भी देनी होती है। ऐसे में सलाह दिया जाता है कि एफडी तुड़वाने से बेहतर है एफडी लोन लेना। आज हम आपको बताएंगे क्यों आपात स्थिति में एफडी तुड़वाना या एफडी लोन में से बेस्ट ऑप्शन क्या है?  

    मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने पर कितना कम होता है ब्याज

    मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने पर ब्याज की दर कम हो जाती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की वेबसाइट के अनुसार एफडी तुड़वाने पर ब्याज का इंटरेस्ट रेट 1 फीसदी कम हो जाता है।

    उदाहरण के तौर पर अगर एफडी पर 6 फीसदी का ब्याज मिल रहा है और निवेशक ने 6 महीने में एफडी तुड़वाता है तो उसे 5 फीसदी पर ब्याज मिलेगा। इसके अलावा उसे पेनल्टी का भी भुगतान करना होगा।  

    कितनी लगती है पेनल्टी

    सभी बैंक की पेनल्टी दर अलग होती है। एसबीआई के नियमों के अनुसार 5 लाख रुपये तक की एफडी पर 0.50 फीसदी की पेनल्टी लगती है। वहीं 1 करोड़ रुपये तक की एफडी पर यह पेनल्टी 1 फीसदी हो जाती है। पेनल्टी और ब्याज की कटौती करने के बाद बैंक निवेशक को बची हुई राशि देता है।  

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    एफडी लोन पर कितना लगता है ब्याज

    एफडी तुड़वाने से अच्छा है कि आप एफडी लोन ले लें। निवेशक एफडी की कुल राशि में से 90 फीसदी तक का लोन ले सकते हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने 1 लाख रुपये की एफडी करवाई है तो आप 90,000 रुपये का लोन ले सकते हैं।

    इस लोन पर आपको 1 से 2 फीसदी का इंटरेस्ट देना होगा। यानी अगर एफडी पर 4 फीसदी का ब्याज मिल रहा है तो लोन पर निवेशक को 5 से 6 फीसदी की दर पर ब्याज देना होता है।

    अगर निवेशक लोन की राशि नहीं चुकाता है तो जब एफडी मैच्योर होती है तो बैंक लोन की राशि काट लेता है। लोन की राशि काटने के बाद जितनी राशि बचती है वह निवेशक के अकाउंट में आ जाती है।  

    एफडी लोन क्यों है अच्छा ऑप्शन

    एफडी तुड़वाने से अच्छा है कि जरूरत के समय आप लोन ले लें। हालांकि, अगर आपको कम पैसों की जरूरत है तब लोन लेना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।  वहीं, अगर ज्यादा पैसे की जरूरत है तब एफडी तुड़वाना अच्छा ऑप्शन है।

    उदाहरण के तौर पर अगर 1 लाख रुपये के एफडी पर 50,000 रुपये का लोन लेते हैं तो यह अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि इसमें आप अपनी जरूरत को भी पूरा कर पाएंगे और आपकी सेविंग्स भी बची रहेगी।

    वहीं अगर आपको 80,000 रुपये या 90,000 रुपये की जरूरत है तब आपको एफडी तुड़वाना चाहिए।

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