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    Gratuity Calculation Formula : कैसे होता है ग्रेच्‍युटी का कैलकुलेशन, इसके लिए कितने साल नौकरी करना है जरूरी?

    Updated: Mon, 25 Mar 2024 08:00 PM (IST)

    Gratuity Rules ग्रेच्युटी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर का एक अहम हिस्सा होती है। इसमें कर्मचारी और कंपनी दोनों योगदान करते हैं। हालांकि कंपनी की हिस्सेदारी कर्मचारी के मुकाबले अधिक होती है। ग्रेच्युटी पाने के लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि ग्रेच्युटी मिलने का क्या नियम है और यह कैलकुलेट कैसे की जाती है।

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    एक ही कंपनी में लगातार पांच साल काम करने पर आप ग्रेच्युटी के हकदार हो जाते हैं।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट को बेहतर करने के लिए कई प्रावधान कर रखे हैं। इन्हीं में से एक है, ग्रेच्युटी (Gratuity)। एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) की तरह ग्रेच्युटी में भी कर्मचारी और कंपनी का योगदान होता है। लेकिन, EPF के उलट यहां कर्मचारी के वेतन से मामूली हिस्सा कटता है और कंपनी इसका बड़ा बोझ उठाती है।

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    आइए जानते हैं कि ग्रेच्युटी क्या होती है, यह कब मिलती है और इसका कैलकुलेशन कैसे होता है।

    ग्रेच्युटी (Gratuity) क्या होती है?

    ग्रेच्युटी एक तरह से कंपनी से वफादारी का इनाम होता है। अगर आप एक ही कंपनी में 5 या इससे अधिक साल तक लगातार काम करते हैं, तो आप ग्रेच्युटी के हकदार हो जाते हैं। हालांकि, 5 साल की सेवा अवधि को कम करके एक साल तक करने की बात कही जा रही है। केंद्र के न्यू वेज कोड में इस पर चर्चा हुई है और इसके लागू होने पर करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा।

    ग्रेच्युटी कब मिलती है?

    ग्रेच्युटी आमतौर पर रिटायरमेंट के मिलती है। लेकिन, अगर पांच साल बाद नौकरी छोड़ते या बदलते हैं, तो भी ग्रेच्युटी मिल जाएगी। अगर सर्विस के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होती है या फिर वह दिव्यांग होता है, तो पांच साल कम सेवा पर भी ग्रेच्युटी मिल जाती है।

    अगर आपने नौकरी के दौरान संस्थान की किसी प्रॉपर्टी का नुकसान किया है, तो उसकी भरपाई भी आपकी ग्रेच्युटी से की जा सकती है।

    ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट होती है?

    ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला बड़ा आसान है,

    कुल ग्रेच्युटी = (आखिरी बेसिक मंथली सैलरी) x (15/26) x (नौकरी के साल)।

    मिसाल के लिए, आपने 2019 में नौकरी शुरू की और 2024 में रिजाइन कर दिया। रिजाइन के समय आपकी बेसिक मंथली सैलरी 50 हजार रुपये थी। तो आपकी ग्रेच्युटी की रकम ऐसे पता चलेगी।

    50,000 x (15/26) x 5 = 1,44,230 रुपये

    यहां गौर करने वाली बात यह है कि फरवरी को छोड़कर साल के बाकी सभी महीने 30 या 31 दिन के होते हैं। लेकिन, पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत चार साप्ताहिक छुट्टियों को वर्किंग डेज को 26 दिन तय किया गया है।

    अगर कंपनी ग्रेच्युटी ना दे तो... 

    अगर आपने किसी संस्थान में लगातार पांच साल किया है और आप पर कोई गैरकानूनी काम करने का आरोप नहीं है, तो आपको ग्रेच्युटी की पूरी रकम मिलेगी। अगर कंपनी आपका पैसा रोकती है, तो आप जिला श्रम आयुक्त के पास जाकर शिकायत कर सकते हैं। फैसला आपके पक्ष में आने की सूरत में कंपनी को ग्रेच्युटी के साथ ही जुर्माना और ब्याज भी देना होगा।