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    EPF, VPF, PPF, NPS: बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार करना चाहते हैं तो इन योजनाओं में करें निवेश, जानिए क्या-क्या हैं फायदे

    By Pawan JayaswalEdited By:
    Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:10 PM (IST)

    EPF VPF PPF NPS बीस से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी में कर्मचारी के पीएफ के लिए योगदान जमा होता है। कर्मचारी के पीएफ खाते में उसकी बेसिक सैलरी व डीए का 12 फीसद कर्मचारी द्वारा और इतना ही योगदान कंपनी द्वारा जमा कराया जाता है।

    भारतीय रुपये की फोटो PC : Dainik Jagran

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हर व्यक्ति को सही समय पर रिटायरमेंट प्लानिंग करना बहुत जरूरी होता है। एक्सपर्ट की मानें, तो नौकरी लगने के बाद से ही व्यक्ति को रिटायरमेंट फंड के लिए सेविंग शुरू कर देनी चाहिए। आप जितना जल्द सेविंग शुरू करेंगे, उतना ही बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार कर पाएंगे। रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट फंड बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको ऐसे निवेश विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके माध्यम से आप एक अच्छा रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं।

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    कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

    बीस से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी में कर्मचारी के पीएफ के लिए योगदान जमा होता है। कर्मचारी के पीएफ खाते में उसकी बेसिक सैलरी व डीए का 12 फीसद कर्मचारी द्वारा और इतना ही योगदान कंपनी द्वारा जमा कराया जाता है। ईपीएफ खाते में पेंशन निधि भी समाहित होती है। पेंशन निधि कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद दी जाती है। इस समय ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 फीसद है। 

    वीपीएफ (VPF)

    वीपीएफ को स्वैच्छिक भविष्य निधि कहते हैं। अर्थात इसमें निवेश करना कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर करता है। यह ईपीएफ का विस्तार ही होता है। निवेशक वीपीएफ में निवेश तब ही सकते हैं, जब उनके पास ईपीएफ अकाउंट हो। ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ में भी 8.5 फीसद ब्याज मिल रहा है। इस योजना में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी व डीए की 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में जमा करानी होती है। कोई भी वेतनभोगी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 100 फीसद तक VPF खाते में जमा करा सकता है।

    पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF )

    रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए पीपीएफ एक बेहतरीन निवेश विकल्प है। पीपीएफ भारत सरकार द्वारा समर्थित सेविंग स्कीम है। इस निवेश विकल्प की सबसे बढ़िया बात यह है कि इसमें तीन स्तर पर ब्याज छूट का फायदा निवेशक को मिलता है। इस योजना में मैच्योरिटी राशि और ब्याज आय भी टैक्स फ्री होती है। साथ ही इस योजना में निवेश करके निवेशक हर साल 1.5 लाख रुपये का आयकर बचा सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस समय पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसद है।

    नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

    नेशनल पेंशन सिस्टम में सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक दोनों निवेश कर सकते हैं। यहां 18 से 60 साल तक की उम्र के लोग निवेश कर सकते हैं। देश के करीब सभी सरकारी और निजी बैंकों में जाकर इस योजना के तहत खाता खुलवाया जा सकता है। एनपीएस का प्रबंध म्युचुअल फंड की तरह ही होता है। इसलिए ही नेशनल पेंशन सिस्टम से काफी अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है। एनपीएस में निवेशक को अपनी जॉब के दौरान हर महीने कुछ राशि जमा करानी होती है।