Mutual Fund में निवेश के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, रिटर्न पर पड़ सकता है असर
म्युचुअल फंड में सिर्फ निवेश करना ही काफी नहीं है ऐसी बातों का ध्यान भी रखें जिससे पैसों की ग्रोथ प्रभावित न हो
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप अपने पैसों में बेहतर ग्रोथ चाहते हैं तो सभी विशेषज्ञ एक ही सलाह देते हैं कि आपको निवेश के लिए म्युचुअल फंड चुनना चाहिए। हो सकता है आप म्युचुअल फंडों में निवेश कर भी रहे हों। लेकिन, इनमें निवेश करना ही काफी नहीं है, हमें कुछ ऐसी बातों का ध्यान भी रखना चाहिए जिससे पैसों में होने वाली ग्रोथ प्रभावित न हो। आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें कभी भी म्युचुअल फंड में निवेश के दौरान नहीं करना चाहिए।
म्युचुअल फंड में निवेश के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां:
1. बिना लक्ष्य के म्युचुअल फंड में निवेश: एक लक्ष्य निर्धारित करने के बाद ही म्युचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत करनी चाहिए। मतलब, आप पहले से यह तय करते हुए चलें कि जो निवेश आप कर रहे हैं उसका उद्देश्य क्या है जैसे कार खरीदना, घर खरीदने के लिए डाउनपेमेंट की व्यवस्था करना आदि। आपको अपने लॉन्ग टर्म गोल या शॉर्ट टर्म गोल के हिसाब से ही म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। साथ ही हर छह महीने पर महीने पर इनकी समीक्षा भी करनी चाहिए।
2. जोखिम पर ध्यान न देना: अधिकांश म्युचुअल फंड निवेशक यह गलती करते हैं। वह सिर्फ फायदे को ध्यान में रखकर निवेश करते हैं और उसके जोखिम पर ध्यान नहीं देते। जबकि ज्यादा फोकस जोखिम पर होना चाहिए। सभी चाहते हैं कि निवेश में फायदा हो, लेकिन कम से कम आपका मूलधन सुरक्षित रहे इस विषय पर भी सोचना चाहिए।
3. बहुत सारे म्युचुअल फंडों में न करें निवेश: म्युचुअल फंड में अलग-अलग स्कीम में निवेश करना ठीक है, लेकिन बहुत सारे म्युचुअल फंडों में निवेश करना गलत हो सकता है और इसकी निगरानी करना भी काफी कठिन है। वैसे तो लोग ये मानकर चलते हैं कि 6-7 स्कीम में निवेश करेंगे तो अधिक फायदा होगा, लेकिन इनकी निगरानी करना मुश्किल हो जाता है। साथ ही ओवर डायवर्सिफिकेशन के कारण आपका रिटर्न प्रभावित होता है। इसलिए ऐसी स्कीम का चयन कीजिए जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर सकती हो।
4. मित्रों की सलाह या खुद से फैसले लेना: बहुत से लोग अपने मित्रों की राय या फिर थोड़ी सी जानकारी जुटाने के बाद निवेश के लिए फैसले खुद लेते हैं। जबकि ऐसा करना आर्थिक तौर पर नुकसानदायक साबित हो सकता है। बेहतर रिटर्न के लिए निवेश के लक्ष्यों, उनकी गहराई, उनके पिछले रिटर्न और अपने वित्तीय लक्ष्यों को ठीक से समझना बहुत जरूरी है। अगर आपसे इसकी रिसर्च नहीं कर पा रहे हैं तो किसी प्रोफेशनल की मदद लेकर इसके बारे में ठीक से जान सकते हैं।
5. सिर्फ रिटर्न ही न देखें: म्युचुअल फंडों में निवेश के लिए सिर्फ उनके किसी खास अवधि के रिटर्न पर ही ध्यान न दें। रिटर्न के अलावा म्युचुअल फंड के खर्च पर भी नजर डालें। जिन फंडों के एक्सपेंस रेशियो ज्यादा होते हैं, वह रिटर्न के नजरिये से महंगे साबित होते हैं। यह खर्च आपको मिलने वाले रिटर्न का एक हिस्सा होता है जो आपके हाथों में नहीं आता।
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