Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Cheque पर आ रहा नया नियम! जानें चेक उपयोग करने के फायदे और कब इसे यूज करने से बचें, कौन कर रहा सबसे ज्यादा इस्तेमाल?

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI cheque clearance rules) चेक क्लियरेंस के नियमों में बदलाव करने जा रहा है जिससे चेक क्लियर होने का समय कम हो जाएगा। ऐसे में हम आपको इस नियम के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही चेक के उपयोग के फायदे और इसे सबसे ज्यादा कौन और कहां उपयोग करता है और चेक के उपयोग से कब बचना चाहिए इसके बारे में बताएंगे।

    By Ashish Kushwaha Edited By: Ashish Kushwaha Updated: Mon, 25 Aug 2025 07:40 AM (IST)
    Hero Image
    चेक क्लियरेंस का आ रहा नया नियम इस बीच जानें इसका उपयोग सबसे ज्यादा कौन करता है?

    नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI new rules) ने चेक क्लियरेंस के नए नियम लाने वाली है। अभी चेक क्लियर (RBI cheque clearance rules) होने में T+1 या T+2 दिन लगते हैं, वह अक्टूबर 2025 से महज एक दिन में पूरी होगी। जनवरी 2026 से तो सिर्फ 3 घंटे में ही यह साफ हो जाएगा कि चेक पास हुआ है या नहीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे में हम आपको इस नियम के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही चेक के उपयोग के फायदे और इसे सबसे ज्यादा कौन और कहां उपयोग करता है और चेक के उपयोग से कब बचना चाहिए इसके बारे में बारी-बारी से जानेंगे।

    यह भी पढ़ें: UPI के कितने ट्रांजैक्शन की होती है लिमिट, क्या इससे ज्यादा कर लिए तो कटेगा मोटा चार्ज?

    चेक से पैसा निकालने में कितना समय लगता है अभी?

    वर्तमान में भारत में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत चेक को बैच मोड में प्रोसेस किया जाता है। इसका मतलब है कि जिस दिन चेक जमा किया जाता है, उसके बाद अगले 1 या 2 कार्यदिवसों (T+1 या T+2) में उसका निपटारा होता है।

    जनवरी 2026 से क्या नया नियम लागू होगा?

    3 जनवरी 2026 से बैंकों को हर चेक की प्राप्ति के 3 घंटे के भीतर यह पुष्टि करनी होगी कि चेक पास हुआ है या नहीं। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई चेक 11 बजे से 12 बजे के बीच जमा किया गया है, तो अधिकतम 3 बजे तक बैंक को इसका स्टेटस कन्फर्म करना होगा।

    अगर बैंक समय पर पुष्टि नहीं करता तो क्या होगा?

    यदि बैंक निर्धारित समयसीमा पहले चरण में शाम 7 बजे तक और दूसरे चरण में 3 घंटे के भीतर चेक के बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है, तो मान लिया जाएगा कि चेक पास हो गया है। ऐसे मामलों में चेक ऑटो-अप्रूव हो जाएगा और उसका सेटलमेंट कर दिया जाएगा।

    फंड्स कितनी जल्दी मिलेंगे?

    नई व्यवस्था के तहत, जैसे ही चेक का सेटलमेंट और रीयलाइजेशन पूरा होगा, एक घंटे के भीतर रकम लाभार्थी के खाते में जमा हो जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रोसेस भी अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनेगी।

    चेक का उपयोग सबसे ज्यादा कौन करता है?

    हालांकि डिजिटल भुगतान के विकल्प जैसे UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट्स ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन भारत में आज भी चेक का उपयोग व्यापक रूप से होता है, खासकर उन क्षेत्रों और वर्गों में जहां परंपरागत भुगतान पर भरोसा ज्यादा है।

    चेक का सबसे (Where cheque use Mostly) ज्यादा इस्तेमाल व्यवसायिक और कॉरपोरेट सेक्टर में होता है, जहां बड़े मूल्य के लेन-देन, वेंडर पेमेंट्स या ठेके संबंधी भुगतानों में इसका उपयोग किया जाता है।

    सरकारी विभाग भी पेंशन, रिफंड और अनुदानों के लिए चेक का सहारा लेते हैं, खासकर जब डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर संभव नहीं होता। वरिष्ठ नागरिक, जो डिजिटल माध्यमों में सहज नहीं होते, चेक को अधिक भरोसेमंद मानते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों या जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर है, वहां भी चेक प्रमुख भुगतान माध्यम बना हुआ है।

    चेक उपयोग के क्या फायदे हैं

    यह नकद ले जाने के जोखिम को कम करता है, हर ट्रांजैक्शन का दस्तावेजी रिकॉर्ड उपलब्ध (What are check advantages) कराता है और पोस्ट-डेटेड चेक से भविष्य की भुगतान तिथियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह विधिक और औपचारिक लेन-देन के लिए उपयुक्त होता है और कुछ स्थितियों में भुगतान पर बेहतर नियंत्रण देता है।

    किन स्थिति में चेक के उपयोग से बच सकते हैं

    हालांकि, कुछ परिस्थितियों में चेक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। जैसे (Why are cheques not used) जब भुगतान तुरंत करना हो, ऑनलाइन या अंतरराष्ट्रीय लेन-देन हो आदि। इसके अलावा, छोटे-मोटे रोजमर्रा के खर्चों, सब्सक्रिप्शन या डेटा प्राइवेसी की चिंता वाले मामलों में भी डिजिटल भुगतान अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होता है।