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    New Income Tax Bill 2025 लोकसभा से पास, 60 साल पुराने कर कानून में बड़े बदलाव, समझिये कैसे आसान हुए नियम

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 06:07 PM (IST)

    New Income Tax Bill Vs Income Tax Act 1961 आयकर अधिनियम 1961 पिछले 64 साल से लागू है लेकिन इसकी भाषा और संरचना आम आदमी के लिए अक्सर भ्रामक साबित हुई है इसलिए न्यू इनकम टैक्स बिल को इसे पूरी तरह से बदलने के इरादे से लाया गया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यह बिल आयकर से संबंधित कानून को संशोधित करने का प्रयास करता है।

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    न्यू इनकम टैक्स बिल, 2025 लोकसभा से पारित हो गया है।

    नई दिल्ली। लोकसभा में नया आयकर विधेयक, 2025 सोमवार को पारित हो गया अब राज्यसभा से पास होने के बाद इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद से यह कानून बन जाएगा और इनकम टैक्स एक्ट, 1961 का स्थान लेगा। इनकम टैक्स (नंबर 2) विधेयक, 2025 को पेश करते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यह बिल आयकर से संबंधित कानून को कंसोलिडेट और संशोधित करने का प्रयास करता है और यह आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा।

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    इससे पहले सरकार ने 8 अगस्त को संसद में पेश किए गए आयकर विधेयक, 2025 के पुराने मसौदे को औपचारिक रूप से वापस ले लिया था। यह वही विधेयक है जिसे फरवरी में बजट सत्र के दौरान पेश किया गया था और फौरन संसद की प्रवर समिति को भेज दिया गया था। 

    इनकम टैक्स कानून 1961 और आयकर बिल 2025 में क्या अंतर

    -पुराना आयकर अधिनियम, 1961 से लागू है, लेकिन इसकी भाषा और संरचना आम आदमी के लिए अक्सर भ्रामक साबित हुई है, इसलिए नया विधेयक इसे पूरी तरह से बदलने के इरादे से लाया गया है।

    -नए आयकर कानून में 536 धाराएँ और 16 अनुसूचियाँ होंगी, जिन्हें सुव्यवस्थित ढंग से व्यवस्थित किया गया है।

    -खास बात है कि अब "प्रीवियस ईयर" और "एसेसमेंट ईयर" के बजाय "टैक्स ईयर" जैसी एक ही अवधारणा होगी।

    -नए इनकम टैक्स कानून में मुकदमेबाजी कम करने के लिए अनावश्यक और विरोधाभासी प्रावधानों को हटा दिया गया है।

    -भारत में इनकम टैक्स से जुड़े मामलों का काम करने वाली संस्था CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) को डिजिटल युग के अनुसार नियम बनाने के लिए अधिक शक्ति दी गई है।

    नए बिल में प्रवर समिति के सुझाव

    • कर वापसी में लचीलापन – देर से रिटर्न दाखिल करने वालों को भी वापसी का अधिकार मिलेगा।
    • NIL-टीडीएस ऑप्शन – जिन लोगों पर टैक्स लायबिलिटी नहीं है, वे एडवांस जीरो-टीडीएस सर्टिफिकेट हासिल कर सकेंगे।
    • खाली मकान पर टैक्स रिलीफ – केवल काल्पनिक किराए पर टैक्स लगाने का प्रावधान हटाया गया।
    • हाउस प्रॉपर्टी डिडक्शन पर अधिक स्पष्टता – नगरपालिका टैक्स में कटौती के बाद 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन, और किराए की संपत्ति पर ब्याज कटौती भी उपलब्ध होगी।
    • और सरल हुए अनुपालन नियम– पीएफ विड्रॉल पर टीडीएस, एडवांस रूलिंग फीस और पेनल्टी से संबंधित प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है।
    • पेंशन लाभ का विस्तार - गैर-कर्मचारी व्यक्तियों को भी परिवर्तित पेंशन कटौती का लाभ मिलेगा।

    TaxManager.in के फाउंडर, दीपक कुमार जैन ने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा नया आयकर विधेयक 2025 पेश करने का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना है ताकि आम आदमी के लिए उन्हें समझना और उनका पालन करना आसान हो। इसमें ईमानदार करदाताओं द्वारा गलतियाँ करने पर दंड कम करने के लिए उचित उपाय किए गए हैं।"

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    उन्होंने कहा कि कटौतियों पर स्पष्टता बढ़ाने के लिए कई और उपाय किए गए हैं जिससे मध्यम आय वर्ग को राहत मिली है, जिसका अर्थ है कि उनकी टेक होम सैलरी में वृद्धि हुई है।