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    सैलरी आते ही खत्म हो जाते हैं पैसे? 70/10/10/10 फॉर्मूला बदलेगा फाइनेंशियल कंडीशन; 3 पॉइंट में समझें पूरी डिटेल

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 07:47 PM (IST)

    Personal Finance Tips: सैलरी आते ही पैसे खत्म होने की समस्या के समाधान के लिए 70/10/10/10 फॉर्मूला एक प्रभावी तरीका है। यह आपकी मासिक आय को चार हिस्सो ...और पढ़ें

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    सैलरी आते ही खत्म हो जाते हैं पैसे? 70/10/10/10 फॉर्मूला बदल देगा आपकी कंडीशन; कैसे करता है काम, 3 पॉइंट में समझें

    नई दिल्ली| सैलरी आते ही पैसे कहां उड़ जाते हैं? यह सवाल लगभग हर घर में पूछा जाता है। कमाई ठीक होती है, बिल भी समय पर भरते हैं, फिर भी महीने के आखिर में अकाउंट खाली दिखता है। दरअसल, समस्या फिजूलखर्च नहीं, बल्कि पैसों को मैनेज करने का कोई तय सिस्टम न होना है। और यहीं पर 70/10/10/10 का फॉर्मूला (70/10/10/10 formula) आपकी मदद करता है। यह कोई जादू नहीं, बल्कि पैसों को सही दिशा में बांटने का आसान तरीका है, जो खर्च, बचत और भविष्य तीनों को बैलेंस करता है। अब सवाल यह है कि आखिर ये फॉर्मूला काम कैसे करता है?

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    70/10/10/10 का मतलब क्या है? (what is 70/10/10/10 formula)

    अपनी महीने की टेक-होम इनकम को चार हिस्सों में बांटिए।

    • 70% रोजमर्रा के खर्च: किराया, राशन, बिजली-पानी, ट्रांसपोर्ट, इंश्योरेंस, स्कूल फीस और जरूरी खर्च। यानी आज की जिंदगी चलाने का बजट।
    • 10% लॉन्ग टर्म निवेश: यह भविष्य बनाने का पैसा है। इक्विटी म्यूचुअल फंड (utual funds), रिटायरमेंट अकाउंट या कोई भी अनुशासित लंबी अवधि का निवेश यहां आता है।
    • 10% शॉर्ट टर्म सेविंग्स: इमरजेंसी फंड, ट्रैवल, घरेलू खरीद या मेडिकल बफर यानी अचानक जरूरतों के लिए सुरक्षित रकम।
    • 10% कर्ज चुकाना या खुद पर निवेश: हाई-इंटरेस्ट लोन खत्म करना, नई स्किल सीखना, पढ़ाई या ऐसी चीजें जो आगे कमाई बढ़ाएं।

    इस फॉर्मूले की असली ताकत नंबरों में नहीं, बल्कि इस बात में है कि हर रुपए को एक काम मिल जाता है।

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    यह तरीका मदद कैसे करता है?

    जब सारी कमाई एक ही खाते में आती है और पहले खर्च होते हैं, तो बचत 'ऑप्शनल' बन जाती है और ऑप्शनल चीजें अक्सर टल जाती हैं। 70/10/10/10 पहले से तय कर देता है कि कितना खर्च हो सकता है और कितना नहीं। अगर आपके खर्च 70% से ज्यादा निकल रहे हैं, तो यह फेल्योर नहीं यह संकेत है। या तो लाइफस्टाइल इनकम से आगे है, या इनकम बढ़ाने की जरूरत है।

    शुरुआत कैसे करें, अगर अभी मुश्किल लगे?

    एक महीने खर्च ट्रैक करें। जो स्थिति है, वहीं से शुरू करें। सीधे परफेक्ट होने की जरूरत नहीं। हर महीने 2-3% शिफ्ट करें, एक बेकार सब्सक्रिप्शन काटें, एक SIP बढ़ाएं, बोनस सीधे सेविंग्स में डालें। प्रोग्रेस जरूरी है, परफेक्शन नहीं।

    एक बड़ा फायदा यह भी है कि मानसिक तनाव कम होता है। तय बकेट्स होने से छोटे फैसले आसान हो जाते हैं कि कहां खर्च करना ठीक है और कहां नहीं। महीने-दर-महीने फंसे रहना अक्सर डिसिप्लिन की नहीं, सिस्टम की कमी की वजह से होता है। 70/10/10/10 एक व्यावहारिक शुरुआत है।

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