ITR Refund Delays: इन नियमों में इस साल हुआ बदलाव, चाहिए तुरंत आईटीआर रिफंड तो कर लें ये सुधार
Income Tax Refund Delays: आयकर रिफंड में देरी हो रही है? इस साल के नियमों में हुए बदलावों के कारण ऐसा हो सकता है। यदि आप तुरंत अपना आईटीआर रिफंड चाहते ...और पढ़ें

इस साल करदाताओं को आयकर रिफंड मिलने में पिछले साल की तुलना में अधिक देरी का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। Income Tax Refund Delays: करदाताओं को अपना आयकर रिफंड मिलने में काफी देरी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं। इस साल करदाताओं को आयकर रिफंड मिलने में पिछले साल की तुलना में अधिक देरी का सामना करना पड़ रहा है। रिटर्न अक्सर "प्रक्रियाधीन" दिखता है, जबकि रिफंड आने की कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं होती।
रिफंड प्रोसेस धीमा क्यों है?
टैक्स एनालिस्ट बताते हैं कि AIS, फॉर्म 26AS और रिटर्न में दर्ज आय के बीच मिसमैच रिफंड में देरी का प्रमुख कारण है। यह समस्या खासकर उन लोगों में अधिक देखी जा रही है जिनकी आय कई स्रोतों से है। जैसे शेयर बाजार से कमाई या विदेश से आय होती है। ऐसे रिटर्न अक्सर ऑटोमैटिक के बजाय मैनुअल वेरिफिकेशन में चले जाते हैं, जिससे प्रोसेसिंग धीमी हो जाती है।
सीपीसी बेंगलुरु की सख्त स्क्रीनिंग का क्या प्रभाव है?
इस वर्ष केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (CPC) ने कड़ी जांच प्रक्रियाएं लागू की हैं। जिससे बड़ी रकम वाले रिफंड,असामान्य प्रविष्टियों वाले रिटर्न, इनकी अधिक गहन जांच की जा रही है। साथ ही, अंतिम तिथि के आसपास अधिक मात्रा में फाइल हुए रिटर्न भी सामान्य मामलों में देरी का कारण बने हैं।
गलत बैंक विवरण रिफंड रोकने में कैसे भूमिका निभाते हैं?
रिफंड में देरी का एक आम कारण गलत, निष्क्रिय या PAN से न मिलते बैंक विवरण हैं। कई बार विभाग रिफंड प्रोसेस कर देता है, लेकिन खाते में नाम मिसमैच या अकाउंट इनएक्टिव होने से रिफंड क्रेडिट नहीं हो पाता। लोगों को इसका पता अक्सर X (ट्विटर) पर शिकायतें देखने के बाद चलता है।
आयकर विभाग इस पर क्या कर रहा है?
विभाग की सोशल मीडिया टीम लगातार यूज़र्स की शिकायतों पर प्रतिक्रिया दे रही है और उन्हें ई-फाइलिंग पोर्टल की ग्रिवेंस सिस्टम की ओर निर्देशित कर रही है।
करदाताओं को अपनी रिफंड स्थिति कैसे जांचनी चाहिए?
करदाताओं को सलाह है कि वे ई-फाइलिंग पोर्टल पर “View Filed Returns” सेक्शन में जाकर रिफंड स्टेटस चेक करें और सुनिश्चित करें कि बैंक विवरण पूरी तरह अपडेट हों।
यदि AIS में mismatch हो तो क्या कदम उठाएं?
यदि AIS में गलत एंट्री या mismatch दिख रहा है, तो करदाता को AIS पर फीडबैक सबमिट करना चाहिए। आवश्यकता होने पर संशोधित रिटर्न (Revised Return) दाखिल करना चाहिए।
क्या CPC छोटी गलतियां खुद सुधार सकता है?
टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल प्रक्रियात्मक बदलावों के कारण CPC को कुछ छोटी तकनीकी गलतियाँ स्वयं सुधारने का अधिकार मिला है। इससे सामान्य लंबित मामलों में तेजी आ सकती है। हालांकि, बड़े रिफंड या जटिल आय वाले मामलों में देरी जारी रह सकती है।
रिफंड जल्दी पाने के लिए करदाता क्या करें?
विशेषज्ञ के मुताबिक करदाता को AIS डेटा का रिटर्न से मिलान करें
विभाग से आने वाली किसी भी सूचना का समय पर जवाब दें
PAN के साथ बैंक विवरण match हों, यह सुनिश्चित करें
लंबे समय तक रिफंड न मिले तो पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें और आवश्यक होने पर एस्कलेशन का अनुरोध करें
क्या भविष्य में स्थिति सुधरेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि देरी रोकथाम नहीं बल्कि बेहतर डेटा मिलान और सख्त सत्यापन के कारण है। जैसे-जैसे लंबित मामले कम होंगे और नई प्रक्रियाएँ स्थिर होंगी, रिफंड प्रोसेस में सुधार की उम्मीद है।
ITR Refund FAQs : आयकर रिफंड पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. ITR Refund क्या होता है?
जब आपने जिस वर्ष जितना टैक्स देना था उससे अधिक टैक्स जमा कर दिया हो, तो सरकार उस अतिरिक्त राशि को वापस करती है। यही आयकर रिफंड कहलाता है।
2. ITR Refund मिलने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर रिटर्न प्रोसेस होने के बाद 7–45 दिन लगते हैं, लेकिन इस वर्ष कई मामलों में देरी देखी जा रही है।
3. मेरा रिफंड "प्रोसेसिंग में" क्यों दिख रहा है?
इसके पीछे कुछ सामान्य कारण जैसे AIS, Form 26AS और ITR में मिसमैच होना शामिल है।
4. AIS या Form 26AS में mismatch हो तो क्या करें?
AIS पर फीडबैक सबमिट करें। आवश्यक हो तो Revised Return (संशोधित रिटर्न) फाइल करें।

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