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    घर खरीदने जा रहे हैं? इस चेकलिस्ट को नजरअंदाज किया तो हो सकता है लाखों का नुकसान!

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 04:37 PM (IST)

    House Buying Checklist घर खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है इसलिए कानूनी और वित्तीय पहलुओं की जांच करना जरूरी है। रेरा रजिस्ट्रेशन टाइटल डीड और जमीन के उपयोग की अनुमति की जांच जैसी जरूरी चीजें चेक करें। डेवलपर का पिछला रिकॉर्ड प्रोजेक्ट की समय-सीमा और निर्माण गुणवत्ता की जांच करें। होम लोन अप्रूवल और पेमेंट शेड्यूल को समझें।

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    घर खरीदने से पहले (home purchase tips) पूरी तरह से जांच-पड़ताल करना चाहिए।

    नई दिल्ली। घर खरीदना (house buying checklist) जीवन के सबसे खास और भावनात्मक निर्णयों में से एक होता है। यह न केवल एक बड़ा आर्थिक निवेश है, बल्कि इससे जुड़ी सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियां भी होती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि घर खरीदने से पहले (home purchase tips) पूरी तरह से जांच-पड़ताल की जाए, ताकि किसी भी तरह की कानूनी या वित्तीय परेशानी से बचा जा सके।

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    यदि आप भी सीधे किसी डेवलपर से प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो स्क्वायर यार्ड्स के सेल्स डायरेक्टर और प्रिंसिपल पार्टनर रवि निरवाल की सुझाई गई यहां  बताई गई चेकलिस्ट आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। इससे आपका घर खरीदना ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और तनावमुक्त हो सकता है। तो चलिए इसके बारे में बारी-बारी से जानते हैं...

    1. कानूनी और नियामक जांच

    रेरा रजिस्ट्रेशन

    सबसे पहले यह चेक करें कि प्रोजेक्ट राज्य की रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) में रजिस्टर है या नहीं। इससे आपको  प्रोजेक्ट की सही जानकारी और कानूनी सुरक्षा मिलती है।

    टाइटल डीड

    तय करें कि जमीन का मालिकाना हक डेवलपर के नाम पर है और वह विवाद-मुक्त है।

    जमीन के उपयोग की अनुमति

    जमीन का उपयोग आवासीय है या नहीं, इसे स्थानीय मास्टर प्लान के अनुसार चेक करें।

    नगर निगम से मंजूरी

    भवन योजना की स्वीकृति, निर्माण प्रारंभ प्रमाणपत्र, अग्नि सुरक्षा और पर्यावरण मंजूरी जैसे डॉक्यूमेंट चेक करें।

    2. डेवलपर भरोसेमंद है या नहीं इसकी जांच

    पिछला रिकॉर्ड

    डेवलपर द्वारा पहले पूरे किए गए प्रोजेक्ट्स, समय पर डिलीवरी, निर्माण गुणवत्ता और ग्राहकों की प्रतिक्रिया की जांच करें।

    कानूनी विवाद

    देखें कि डेवलपर या जमीन से जुड़े कोई अदालती मामले लंबित तो नहीं हैं।

    3. प्रोजेक्ट से जुड़ी विशेष बातें

    पजेशन टाइमलाइन

    कब्जा मिलने की तारीख स्पष्ट करें और देरी की स्थिति में जुर्माने से संबंधित शर्तों को समझें।

    निर्माण की गुणवत्ता कैसे है?

     साइट पर जाकर खुद निरीक्षण करें या किसी थर्ड पार्टी से क्वालिटी चेक करवाएं।

    लेआउट और स्पेसिफिकेशन

    मंजूरशुदा प्लान और वादों की तुलना करें जैसे कार्पेट एरिया, फ्लोर प्लान और सुविधाएं चेक करें।

    फेज-वाइज डेवेलपमेंट

    पता करें कि सुविधाएं कब मिलेंगी। जैसे वर्तमान फेज में या भविष्य में मिलेंगी।

    4. वित्तीय जांच में क्या क्या देखें

    ऑल-इनक्लूसिव कॉस्ट

    जीएसटी, मेंटेनेंस डिपॉजिट, पार्किंग, क्लब हाउस चार्ज जैसे सभी खर्च शामिल हैं या नहीं, इसकी पुष्टि करें।

    होम लोन अप्रूवल

    यह चेक करें कि किन-किन बैंकों ने प्रोजेक्ट को अप्रूव किया है। यह डेवलपर की विश्वसनीयता दर्शाता है।

    पेमेंट शेड्यूल

    भुगतान योजना निर्माण की प्रगति से मेल खाती हो, ताकि देरी की स्थिति में आर्थिक बोझ न बढ़े।

    5. दस्तावेज और समझौते

    बिल्डर-बायर एग्रीमेंट

     समझौते को ध्यान से पढ़ें, खासकर पजेशन, डिफॉल्ट, मुआवज़ा और रिफंड से जुड़े क्लॉज़।

    अलॉटमेंट लेटर और सेल एग्रीमेंट

    ये समय पर बनाए जाएं और इसमें यूनिट की पूरी जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए।

    ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (OC)

     जब तक OC न मिले, कब्जा न लें। यह बिल्डिंग की वैधता का प्रमाण होता है।

    6. अन्य खास बातें

    लोकेशन का मूल्यांकन

    आसपास की सुविधाएं, ट्रांसपोर्ट, स्कूल, अस्पताल और भविष्य में एरिया का विकास देखें।

    पजेशन के बाद की व्यवस्था

    यह जानें कि पजेशन के बाद मेंटेनेंस कौन करेगा। जैसे कि बिल्डर, कोई एजेंसी या RWA करेगा।